गुमला- उपायुक्त शशि रंजन एवं झारखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा भारती कुजूर की संयुक्त अध्यक्षता में बाल अधिकार विषय पर बैठक सम्पन्न हुआ। विकास भवन के सभागार आयोजित बैठक में मुख्य रूप से महिलाओं बच्चों की सुरक्षा, टेªफिकिंग पर रोक, बाल मजदूरी पर रोक एवं ट्रेफिकिंग से छुड़ाए गए बच्चों की शिक्षा व पुनर्वास की व्यवस्था पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में उपायुक्त शशि रंजन कहा, गुमला जिला में मानव तस्करी की समस्या ज्यादा आती थी। परंतु अब मानव तस्करी के मामलें में कमी आई है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा मानव तस्करी को रोकने के लिए ग्रामीण स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को मानव तस्करी एवं उनके अधिकार के बारे में जानकारी देने को कहा। साथ ही ने बाल संरक्षण शाखा को और मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कहा तस्करी से छुड़ाए गए बच्चों के शिक्षा, पुनर्वास एवं सुधार पर कार्य किया जाएगा। श्री रंजन ने बाल सखा से शहरी क्षेत्र के अलावे ग्रामीण स्तर में बाल अधिकार विषय पर कार्यशाला आयोजन कर लोगों को जागरूक करने का काम करने की सलाह दी। जिसमें बच्चों को पोक्सो एक्ट के बारे में बताने के साथ ही गुड टच एवं बैड टच के बारे में जानकारी दें। बैठक में पालकोट प्रखण्ड में एचआईवी से पीड़ित 03 मरीजों का पेंशन राशि लंबित होने के मामलें पर उपायुक्त ने प्रक्रिया पूरी कर जल्द से जल्द पीड़ित मरीजों का पेंशन चालू कराने का निर्देश दिया।
बैठक में आयोग की अध्यक्षा ने महिला सुरक्षा पर बात करते हुए कहा, पोक्सो एक्ट के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी देने को कहा। इसके लिए अध्यक्षा ने विशेष जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी। खास कर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विशेषकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को इसकी जानकारी देने की बात कही। उन्होंने ट्रेफिकिंग को रोकने के लिए शिक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा। कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालयों में लीगल कैडेट काॅप्स बनाएं। बाल संरक्षण गृह में बच्चों को सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं। वहाँ रहने वाले बच्चों के लिए खेलने के लिए क्रीड़ा सामग्री उपलब्ध कराएं। उन्होंने बाल संरक्षण के लिए कार्य करने वाली एनजीओ, पदाधिकारियों से माह में कम से कम एक बार भ्रमण करने का निर्देश दिया।
बैठक में उपायुक्त, आयोग की अध्यक्षा के अलावे जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव बिनोद कुमार, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष चेयरमैन शंभू सिंह, बाल सखा के राज्य समन्वयक पियुस सेन गुप्ता, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेन्द्र पाण्डेय, जिला शिक्षा अधीक्षक जयगोबिन्द पाण्डेय ,सहित बाल संरक्षण अधिकार के लिए कार्य करने वाले विभिन्न एनजीओ, पदाधिकारी एवं अन्य मौजूद थे।
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