इलेक्ट्रोलाइट पंप से एक मिनट में चार्ज हो सकते हैं इलेट्रिक वाहन

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

अल्मोड़ा (उत्तराखंड): "कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों!" दुष्यंत कुमार के इस शेर को चरितार्थ कर दिखाया है उत्तराखंड अल्मोड़ा के काफलीखान क्षेत्र में रहने वाले रवि टम्टा ने। उन्होंने अपने हुनर से पर्यावरण को संरक्षित करने की जरूरत को देखते हुए एक ऐसा यंत्र तैयार किया है, जिससे कुछ ही मिनटों में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जा सकता है और इसमें लागत भी न के बराबर आएगी।

रवि टम्टा ने डेढ़ साल की मेहनत के बाद एक ऐसी इलेक्ट्रोलाइट पंप मशीन का निर्माण कर डाला जिससे काफी कम समय और कीमत में वाहनों को चार्ज किया जा सकता है। रवि ने बताया कि यह एक ऐसी मशीन है, जिससे एक मिनट में कोई इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज किया जा सकता है। अभी यह हल्द्वानी के तिकोनिया में स्थित चड्ढा पेट्रोल पंप पर इस इलेक्ट्रोलाइट पंप मशीन का प्रदर्शन भी कर चुके हैं।

रवि ने बताया कि वह वर्तमान में विज्ञान विषयों से स्नातक कर रहे हैं और वह बचपन से ही कुछ नया सोचते आए हैं। रवि ने कहा कि आज की जरूरत है कि इलेक्ट्रिक वाहन, जिनकी की फास्ट चार्जिग की व्यवस्था अभी कम है। इसी को देखते हुए मैंने इस प्रयोग को अपनाया है। तेज गति से चार्जर की व्यवस्था न होने के कारण इन वाहनों को लेने में लोग संकोच कर रहे हैं।

रवि ने दावा किया है कि इस मशीन से वाहन को अगर एक मिनट तक चार्ज किया जाए तो वह करीब सौ किलोमीटर का सफर तय कर सकता है। उन्होंने बताया कि वे हल्द्वानी में कई वाहनों के साथ इसका प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इस मशीन से जहां वाहन को एक मिनट में चार्ज किया जा सकता है, वहीं इसकी एक बार में लागत 40 से 50 रुपये के आसपास आती है।

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से डीजल-पेट्रोल एक मिनट में भरते हैं। ठीक उसी प्रकार इलेक्ट्रिक वाहनों में एक मिनट में इलेक्ट्रोलाइट भर सकते हैं। इससे इलेक्ट्रिक वाहन फुल चार्ज हो जाता है।

रवि ने बताया कि लेड एसिड बैट्री में 38 प्रतिशत सल्फ्यूरिक एसिड और 62 प्रतिशत डिस्टिल वाटर के मिश्रण को इलेक्ट्रोलाइट कहते हैं, जो चार्ज व डिस्चार्ज होता है। जब इलेक्ट्रिक वाहन की बैट्री डिस्चार्ज होती है, डिस्चार्जिंग के दौरान सल्फ्यूरिक एसिड ओडायल्यूट होते रहते हैं। इसी पूरी प्रक्रिया के बाद बैट्री एक मिनट में चार्ज हो जाती है।

हालांकि रवि ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि इसमें कौन-कौन सी मशीनें लगी हैं और इसे बनाने में कौन सी विधि का इस्तेमाल किया गया है। उनका कहना है कि कुछ दिनों में इसे सार्वजनिक किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी वह कई हैरत अंगेज मशीनों का ईजाद कर चुके हैं, लेकिन प्रोत्साहन न मिल पाने के कारण वह ऐसी ही गुम पड़ी हैं।

रवि ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल-डीजल का विकल्प बन सकते हैं। वाहनों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण भी कम होगा। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों में चार्जिग की समस्या के कारण ज्यादातर लोग बैटरी चलित वाहनों को लेने में संकोच करते हैं। इसीलिए ऐसी तकनीक तैयार की गई है जिसमें एक मिनट में सारे काम हो जाएं।

काफलीखान में ऑटोमोबाइल की दुकान चलाने वाले मैकेनिक हरीश टम्टा के पुत्र रवि टम्टा ने बताया कि बचपन से ही इस प्रकार के खोज और वैज्ञानिक ढंग की चीजें बनाते हैं। उनका कहना है उन्होंने 2014 में एक जूता बनाया था जिसके माध्यम से फोन चार्ज किया जा सकता है और एक हेलीकाप्टर भी बनाया है जो कि 10 फिट तक की ऊंचाई तक उड़ सकता है।

कई बार अभिनव प्रयोगों से नए-नए संयंत्र ईजाद कर रवि ने बड़े-बड़े करतब किए। जिनका उन्होंने सरकारी मशीनरी के सामने प्रदर्शन भी किया, लेकिन उनकी प्रतिभा को आज तक किसी ने प्रोत्साहन देना उचित नहीं समझा। लेकिन अभी वह अपने कोशिशों से पीछे नहीं हट रहे हैं। लगातार अपने परिश्रम में लगे हुए हैं।

रवि टम्टा ने अपने इस प्रयोग का प्रदर्शन दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले वल्र्ड एनवायरनमेंट एक्सपो 2019 में कर चुके हैं, जिसके लिए इन्हें इंडियन एक्जीवेशन की ओर से प्रमाणपत्र भी दिया गया है।

रवि ने अब इस इलेक्ट्रोलाइट पंप मशीन के निर्माण और ट्रायल के बाद देश के सड़क एवं परिहवन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजकर इस थीम को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग की मांग की है। इसके अलावा वह इलेक्ट्रिक की गाड़ी बनाने वाली कंपनी टेस्ला को भी मेल के माध्यम इसकी जानकारी दे चुके हैं। बस इंतजार इन सबके जवाब का है।

उनका कहना है, "यह खोज मैं प्रधानमंत्री को बताना चाहता हूं। उन तक पहुंचने के प्रयास में भी लगा हूं।"

हल्द्वानी के हरबंश पेट्रोल के मैनेजर महेश भट्ट ने बताया कि रवि ने अपनी इस मशीन से बिल्कुल जीरो चार्जिग में आने वाले ई-रिक्शे को एक मिनट में चार्ज किया है। उन्होंने दूरी भी तय की है। इस तरकीब को प्रोत्साहित करने की अवश्यकता है। इसकी बाजार में बहुत मांग है।

हल्द्वानी के ई-रिक्शा चालक अहमद ने बताया, "हम बिल्कुल जीरो चार्ज बैटरी को इनके पास चर्जिग के लिए ले गए थे। उन्होंने एक से दो मिनट के अंदर इसे चार्ज कर दिया है। घर का चार्जर सात से आठ घंटे चार्जिग के लिए लेता है।"

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