क्या फेसबुक भारतीय सत्ता से खौफ खाता है! या फिर मसला कुछ लेन-देन का है? मामला उजागर होने लगे तो यह सवाल लाजिमी है। फेसबुक ने भारत में फर्जी एकाउंट को हटाने की योजना बनाई थी, लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि इसमें एक भाजपा सांसद का भी नाम है तो उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। द गार्जियन ने अपनी एक रिपोर्ट में ये दावा किया है। अखबार के मुताबिक, कंपनी ने कथित तौर पर फेक एकाउंट के जरिये एक भाजपा सांसद की लोकप्रिया को बढ़ने दिया, जबकि महीनों पहले इसके बारे में एक कर्मचारी ने फेसबुक/संस्थान को अवगत करा दिया था। हालांकि गार्जियन ने उस भाजपा नेता का नाम नहीं बताया है। गार्जियन का यह दावा आंतरिक कॉरपोरेट दस्तावेजों, व्हिसलब्लोअर बने पूर्व फेसबुक कर्मचारी के बयान एवं फेक एकाउंट हटाने के संबंध में कंपनी द्वारा तैयार किए गए नोट्स के आधार पर है। वहीं, फेसबुक ने इस तरह के अन्य नेटवर्क के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की, जिसमें से कांग्रेस पार्टी के सदस्यों की लोकप्रियता बढ़ाने वाला ग्रुप भी शामिल है। हालांकि फेसबुक ने इन आरोपों से इनकार किया है।
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