नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। इसके चार दिन पहले आडवाणी ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की खिल्ली उड़ाई थी कि पार्टी ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को कभी राष्ट्र विरोधी के रूप में नहीं देखा।
शाह आडवाणी के आवास पहुंचे, जिन्हें एक तरह से पार्टी में दरकिनार कर दिया गया है। तत्काल यह पता नहीं चल पाया है कि मुलाकात के दौरान क्या कुछ हुआ।
शाह ने आडवाणी से मुलाकात ऐसे समय में की है, जब वयोवृद्ध नेता ने एक ब्लॉग में लिखा कि भाजपा ने अपने राजनीतिक विरोधियों को कभी भी शत्रु या राष्ट्र विरोधी नहीं माना।
उन्होंने कहा था, "भारतीय लोकतंत्र की खुशबू विविधता और अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करना है। स्थापना के समय से ही भाजपा ने हमसे राजनीतिक असहमति रखने वालों को कभी भी अपना शत्रु नहीं माना, बल्कि उन्हें सिर्फ अपना प्रतिद्वंद्वी माना।"
आडवाणी ने कहा, "इसी तरह हमारी भारतीय राष्ट्रवाद की अवधारणा में हमने उन लोगों को राष्ट्र-विरोधी कभी नहीं माना, जो हमसे राजनीतिक रूप से असहमत थे।"
इस टिप्पणी को मोदी के नेतृत्व को आडवाणी की तरफ से एक संदेश के रूप में देखा गया, जो पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों पर राष्ट्रीय हित के खिलाफ काम करने का आरोप लगाता आ रहा है।
अमित शाह इस बार गांधीनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका प्रतिनिधित्व आडवाणी 1991 से कर रहे थे।