पटना: लेखक से अभिनेता बने राजन कुमार की आने वाली फिल्म 'नमस्ते बिहार' नौ नवंबर को रिलीज के लिए तैयार है। राजन का कहना है कि विद्या, धर्म, दर्शन और मोक्ष की धरती बिहार पर आधारित यह फिल्म न केवल दर्शकों का मनोरंजन करेगी, बल्कि एक संदेश भी देगी। बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजन अभिनेता के साथ साहित्यकार भी हैं।
मुंगेर के एक छोटे से नक्सल प्रभावित गांव में पले-बढ़े और 'चार्ली चैपलिन-2' के नाम से चर्चित राजन कुमार का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकर्ड में भी दर्ज है।
राजन ने विशेष बातचीत में बताया, "रंगमंच में डिप्लोमा करने के बाद वर्ष 2000 में दिल्ली में एक दोस्त के रेस्टुरेंट के उद्घाटन समारोह में मैंने चार्ली चैपलिन बनकर वहां लोगों का मनोरंजन किया। उसके बाद लोग मुझे चार्ली चैपलिन-2 के नाम से जानने लगे।"
बकौल राजन, "अब तक मैं 4000 ज्यादा लाइव शो कर चुका हूं। मेरे शो तीन से 13 घंटे तक के होते हैं। चार्ली चैपलिन-2 के लिए मेरा नाम 2004 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस और वर्ष 2005 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में दर्ज हुआ था।"
दिल्ली के नेशनल परेड में तीन बार आर्टिस्ट लीडर के रूप में बिहार व हरियाणा की झांकी पेश कर चुके राजन को वीरता के लिए 'शूरवीर अवार्ड' और डॉ. राम प्रसाद सिंह साहित्य पुरस्कार-2018 से सम्मानित किया जा चुका है।
'शहर मसीहा नहीं' में बतौर अभिनेता सफल रहे राजन की 'नमस्ते बिहार' दूसरी फिल्म है। इस फिल्म के विषय में पूछे जाने पर राजन ने बताया कि यह फिल्म बिहार के एक निडर और बेबाक नवयुवक डब्लू की कहानी है, जो गुमराह होकर अपराध की दुनिया में चला जाता है, मगर वह अपना आदर्श नहीं छोड़ता।
उन्होंने कहा कि इस फिल्म की अभिनेत्री कलिता हैं, जो रेशमी नाम की पत्रकार की भूमिका में हैं। वह 'नमस्ते बिहार' अखबार की क्राइम रिपोर्टर हैं।
इस फिल्म की अधिकांश शूटिंग नालंदा, राजगीर, मुंगेर और पटना सहित बिहार के कई स्थानों में की गई है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म के द्वारा बिहार पर्यटन को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस फिल्म यूनिट में शामिल दूसरे राज्यों के लोगों का यहां 30 दिनों तक शूटिंग करने के बाद बिहार के प्रति नजरिया ही बदल गया।
पिछले महीने मिले शूरवीर पुरस्कार से संबंधित प्रश्न पर राजन कहते हैं, "आगरा के होटल मुगल शेरेटन में चार्ली चैपलिन का एक शो कर रहा था, तभी मुझे अनुष्का अरोड़ा नाम की एक बच्ची स्वीमिंग पूल में गिरते हुए दिखी। चार्ली के ड्रेस में ही मैंने छलांग लगा दी। मैंने बच्ची को 12 फीट पानी के अंदर से निकाला। उसकी जान बच गई। आज ये लड़की दिल्ली में वकील हैं।"
इस पुरस्कार का चयन खुले मतदान यानी ऑनलाइन वोटिंग के जरिए किया जाता है। सरबजीत की बहन दलबीर कौर जैसी कई हस्तियों को अब तक शूरवीर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
राजन एक कलाकार ही नहीं, साहित्यकार भी हैं और वह स्वयं को बेहतर सोच रखने वाला कवि मानते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे कविताओं से और साहित्य से प्रारंभ से ही गहरा लगाव रहा है। मैं एक बेहतर सोच रखने वाला कवि हूं। बच्चों के लिए लिखी गई मेरी कविताओं की एक पुस्तक 'हंसता बचपन' काफी चर्चित रही है। इस पुस्तक के लिए मुझे डॉ. राम प्रसाद सिंह साहित्य पुरस्कार-2018 से भी नवाजा गया है।"
वर्ष 1998 में राजन की पुस्तक 'अंकुर' भी प्रकाशित हो चुकी है। जल्द ही उनकी अगली पुस्तक 'एक कलाकार का देश प्रेम' प्रकाशित होने वाली है।
लेखक से अभिनेता बनने वाले राजन कहते हैं, "कलाकार लेखक के ही चरित्रों को जीते हैं। लेखक ही चरित्रों में जान भरता है। जब लेखक कलाकार बन जाए तो चरित्र ही जीवंत हो उठता है। लेखक और कलाकार एक-दूसरे के पूरक हैं।" -मनोज पाठक
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