गिरिडीह: फर्जी तरीके जमीन की खरीद बिक्री के मामले को लेकर 9 वर्ष पूर्व दर्ज एफआईआर में नामजद देवरी के तत्कालीन अंचलाधिकारी दिलीप महथा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दिलीप की गिरफ्तारी देवरी पुलिस ने देवघर स्थित उनके आवास से की गयी है. गिरफ्तारी के बाद देवरी पुलिस ने दिलीप को न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां से उसे केंद्रीय कारा भेज दिया गया. हालांकि जेल जाने से पूर्व आरोपी तत्कालीन सीओ ने खुद को बेकसूर बताया. इधर बताया जाता है कि देवरी अंचल के बैरिया मौजा में की एक सौ अड़तीस एकड़ जमीन की फर्जी कागजात तैयार कर निजी कंपनी को रजिस्ट्री कर दिया गया था। इस मामले का सामने आने के बाद पांच अप्रैल 2009 को बैरिया मौजा के
रैयत सह सूचक बैरिया गांव निवासी बलबीर तुरी के द्वारा देवरी थाना में आवेदन देकर जमीन खरीदी एवं बिक्री करने वाले मेसर्स जेएसए पावर लिमिटेड के नागेश्वर चौधरी अशोक नगर रांची, धनबाद जिला के सुदामडीह थाना क्षेत्र के सुदामडीह गांव निवासी मिराज आलम, जमुआ थाना क्षेत्र के बेहराबाद निवासी राजेश हाजरा, धनबाद जिला के गोविन्दपुर थाना क्षेत्र के अमलाटांड निवासी कुनन शेख, धनबाद थाना क्षेत्र के रंगाटांड रेलवे कलोनी के मनोज कुमार यादव, बुढ़ियाखाद निवासी समसुल आलम, देवरी के तत्कालीन अंचलाधिकारी दिलीप महथा, राजस्व कर्मचारी मनसा सोरेन, तिसरी थाना क्षेत्र के पहाड़पुर निवासी शिव कुमार सिंह, देवरी थाना क्षेत्र के सिकरुडीह गांव के गेंदालाल सिंह, महराज सिंह, रामप्रसाद सिंह, शान्ति देवी, रंजीत सिंह, बैरिया गांव के लालबिहारी यादव व धनेश्वर मण्डल के विरुद्ध फर्जी कागजात तैयार करवाकर बैरिया मौजा के रैयतों के एक सौ अड़तीस एकड़ जमीन को निजी कंपनी को बेच देने का आरोप लगाया था। इस मामले में देवरी थाना में कांड संख्या 59/09 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इस मामले में 15 नामजद थे जिसमें 9 लोगों पर चार्जशीट दाखिल किया जा चुका है. बुधवार को इस मामले में एक राजस्व कर्मचारी तो गुरुवार को तत्कालीन सीओ को जेल भेजा. अभी 4 अभियुक्त फरार हैं.