नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान हो चुका है वहीं कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। इसमें बड़ा झटका यह है कि पार्टी की महिला प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और शिवसेना का दामन थाम लिया है।
प्रियंका यूपी में अपने साथ दुर्व्यवहार करने वालों को फिर से पार्टी में शामिल करने से नाराज थीं। प्रियंका ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो टिकट ना मिलने से नाराज होकर नहीं बल्कि आहत होकर कांग्रेस से अलग हुई हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि मेरे पिछले बयानों को लेकर मुझसे सवाल पूछे जाएंगे साथ ही यह भी सवाल उठेंगे कि मैंने यह फैसला क्यों लिया। लेकिन मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि मैंने सब सोचकर यह फैसला लिया है। मेरे लिए महिला सम्मान अहम मुद्दा है और मुझे शिवसेना सबसे अच्छा विकल्प नजर आई।
बता दें कि प्रियंका ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस प्रवक्ता हटाकर सामान्य प्रोफाइल बना ली थी।
जानकारी के अनुसार प्रियंका ने गुरुवार रात को ही राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया था और इसके बाद उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर भी कांग्रेस प्रवक्ता का पद हटा दिया था।
खबरों के अनुसार प्रियंका ने इस बाद से दुख जताया है कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान की बात करने वाली कांग्रेस में ही ऐसे लोगों को फिर से शामिल कर लिया गया जिन्होंने पार्टी की महिला पदाधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया।
दरअसल, पूरा मामला 2018 का है जब प्रियंका राफेल घोटाले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने यूपी के मथुरा गईं थीं। उस दौरान उनके साथ कुछ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा दुर्व्यवहार किया गया था और प्रियंका की शिकायत पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी। लेकिन बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया की सिफारिश पर उन्हें फिर से पार्टी में रख लिया गया था।
प्रियंका चतुर्वेदी इसी बात से नाराज थीं और दो दिन पहले भी उन्होंने ट्वीट कर पार्टी से अपनी नाराजगी जताई थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि यह दुखद है कि कांग्रेस में मेहनत और खून पसीना बहाकर पार्टी को आगे ले जाने वालों की बजाय गुंडों को तवज्जो दी जा रही है।