लोधी रोड शवदाह गृह में हुआ राम जेठमलानी का अंतिम संस्कार

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील रहे राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) का रविवार को देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार रविवार शाम लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में कर दिया गया है। वह 95 साल के थे। जेठमलानी के बेटे महेश के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि जेठमलानी की तबियत कुछ महीनों से ठीक नहीं थी। उन्होंने नई दिल्ली स्थित अपने घर में सुबह पौने आठ बजे अंतिम सांस ली।

महेश ने बताया कि कुछ दिन बाद 14 सितंबर को राम जेठमलानी का 96वां जन्मदिन आने वाला था। पीएम मोदी की आज रोहतक में रैली थी। रैली को संबोधित करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी सीधे राम जेठमलानी के घर गए और उन्‍हें श्रद्धांजलि दी।

राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वरिष्ठ अधिवक्ता थे। इनकी गिनती देश के नामचीन क्रिमिनल वकीलों में की जाती रही है। वे भाजपा और राजद की ओर से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। जेठमलानी का जन्म सिंध (पाकिस्तान) के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था और बंटवारे के बाद वह भारत आ गए थे। जेठमलानी के परिवार में उनके बेटे महेश के अलावा उनकी एक बेटी है, जो अमेरिका में रहती है। उनकी एक अन्य बेटी रानी जेठमलानी का 2011 में और एक अन्य पुत्र जनक जेठमलानी का निधन हो चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेठमलानी के साथ अपनी एक तस्वीर साझा कहते हुए कहा, 'राम जेठमलानी के रूप में देश ने एक शानदार वकील और प्रतिष्ठित व्यक्ति खो दिया। उनका योगदान से कोर्ट और संसद दोनों के लिए अहम है। उन्होंने कभी भी किसी भी मुद्दे पर अपनी भावनाएं व्यक्त करने में हिचकिचाहट महसूस नहीं की। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह सिर्फ अपने मन की बात बोलते थे। मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि कई मौकों पर उनसे बात करने का मौका मिला। दुख की घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। वह आज भले ही यहां न हों, लेकिन उनके किए गए काम हमेशा रहेंगे।'

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जेठमलानी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा 'अनुभवी वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी के निधन पर गहरा दुख है। उनकी प्रतिभा, वाक्पटुता, शक्तिशाली वकालत और कानून की ध्वनि समझ कानूनी पेशे में एक योग्य उदाहरण बनी रहेगी।'

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जेठमलानी के शोक जताया है। उन्होंने लिखा - 'प्रसिद्ध वकील राम जेठमलानी जी के निधन पर अत्यंत दुख हुआ। अपने आप में एक संस्था, उन्होंने स्वतंत्रता के बाद के भारत में क्रिमिनल लॉ को आकार दिया। उनका शून्य कभी नहीं भर पाएगा और उनका नाम कानूनी इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा।'

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जेठमलानी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'जेठमलानी के निधन से कानून जगत को नुकसान हुआ। हमने सिर्फ वकील नहीं, एक अच्छा इंसान खो दिया।'

17 साल में बने थे वकील
जेठमलानी अपने बयानों की वजह से भी अक्सर चर्चा में रहे। जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में ही वकालत की डिग्री हासिल कर ली थी। उन दिनों प्रैक्टिस करने की न्यूनतम उम्र 21 साल रखी गई थी, लेकिन जेठमलानी की काबिलियत को देखते हुए इस उम्रसीमा में छूट दी गई।

वह खास केस: जेठमलानी ने जो प्रमुख केस लड़े उनमें नानावटी बनाम महाराष्ट्र सरकार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह, हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट स्कैम, हाजी मस्तान केस, हवाला स्कैम, आतंकी अफजल गुरु, जेसिका लाल मर्डर केस,  2जी स्कैम केस और आसाराम का मामला शामिल है।

इसके साथ ही जेठमलानी ने बाबा रामदेव, राजीव गांधी के हत्यारों, लालू यादव, जयललिता और जगन रेड्डी की भी पैरवी की थी।

मुफ्त में लड़े कई केस: आज़ाद भारत के इतिहास में कई मोड़ पर राम जेठमलानी काला कोट पहने खड़े दिखेंगे। एक समय पर देश के सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाले लोगों में शामिल रहे जेठमलानी ने कई चर्चित मामलों में मुफ्त में मुकदमा लड़ा। अपने अंदाज़ और अपने तेवर में कभी भाजपा में रहे जेठमलानी अटल बिहारी कैबिनेट में मंत्री बने थे। बाद में पार्टी से 6 साल के लिए प्रतिबंधित होने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ ही चुनाव लड़ने उतर गए थे।

साल 2017 में की संन्यास लेने की घोषणा: जेठमलानी ने साल 2017 में सात दशक लंबे वकालत के करियर से संन्यास लेने की घोषणा की थी। 94 साल की उम्र में जेठमलानी ने सात दशक लंबे वकालत के करियर से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।

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