रांची: झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) का भाजपा में विलय को लेकर खूंटी, तोरपा और सिसई के चुनिंदा जनसंगठनों ने विरोध में एक विज्ञप्ति जारी किया है। जनसंगठनों ने इस विलय से खुद को अलग करते हुए कहा है कि वे लोग हमेशा भाजपा के जल जंगल जमीन लूटने के नाम पर फूट डालो और राज करो जैसी नीति सिद्धांत के खिलाफ हमेशा संघर्षरत रहे हैं। विगत 14 वर्षों में झाविमो जल जंगल जमीन के सवाल को लेकर आदिवासी मूलवासी किसानों के साथ खड़ा था, जिसका वे संमर्थन कर रहे थे।
दयामनी बारला, लोहोर मइन उरावं, तुरतन टोपनो, अखिल टोपनो, दादु टोपनो, बुधन लाल मुंडा एवं सनिचर मुंडा द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि झाविमो और भाजपा के विलय से वे खुद को अलग कर रहे हैं। आनेवाले समय में राज्य की बेहतरी के लिए आदिवासी मूलवासी, किसना, दलित एवं अल्पसंख्यक समुदाय के हक अधिकारों की रक्षा के लिए सांप्रादायिक-कारपोरेटी और जल जंगल जमीन लूटनेवाले एजेन्डा के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। बताते चलें कि 14 साल पहले शुरू हुए बाबुलाल मरांडी के नेतृत्व वाली पार्टी झाविमो का 17 फरबरी को भाजपा में विलय होने जा रहा है। इस तरह झाविमो का अस्तित्व अब समाप्त हो जाएगा।