किसी भी सीट पर बड़ा फैसला लेने से पूर्व पार्टी संगठन को कई स्त्रोतों से फीडवैक लेने चाहिये - डा० रविन्द्र राय

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:: कमलनयन ::

गिरिडीह 11 मार्च : भारतीय जनता पार्टी झार२वंड प्रदेश के अध्यक्ष रहे .कोडरमा के सांसद डा० रविन्द्र कुमार राय हमैशा नेतिकमुल्यों की राजनीति के पक्षघर रहे हैा और पार्टी के भीतर और बाहर गलत को गलत और सही को सही बोलने वाले नेताओं में शुमार माने जाते हैा पार्टी शीर्ष की और से पिछले दिन गिरिडीह लोकसभा सीट अपने सहयोगी दल आजसू को दिये जाने के कथित फैसले को डा० राय ने पार्टी के लिए आत्मघाती कदम बताकर कार्यकर्ताऔ की भावनाओ को आलाकमान तक पहुंचाने की भरसक कोशिश की ह्रै। सोमवार को पत्रकार कमल नयन से खास बातचीत में उन्होने कहा कि किसी भी सीट पर बड़ा फैसलं लेने से पहले संगठन शीर्ष को एक के वजाय कई अन्य स्त्रोतों से फीडवेक लेने चाहिये । गिरिडीह संसदीय सीट भाजपा की परम्परागत सीट २ही हैा 1977 से लेकर 2014 तक हुए चुनावों में भाजपा प्रत्याशी सात से आठ बार जीतते रहे है। वावजूद यह सीट सहयोगी दल की झोली में डालना व्ययहारिक नही लगता हैा अगर सहयोगी दल को एक सीट देनी हैतो विगत चुनाव में जिन सिटों पर पार्टी को सफलता नही मिली थी वैसी कोई एक सीट पर विचार करने चाहिये। उन्होंनें कहा कि इस प्रकार के निर्णय से पार्टी केडरों का मनोबल गिरेगा। हलाकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी सिर्फ पार्टी की और से 14 में से एक सीट देने का एलान हुआ है। इसलिए यह मानना की वह गिरिडीह सीट ही है। फीलहाल सही नही है।
2014 के मुकाबले 2019 के चुनावो की लेकर प्रदेश भाजपा कीतनी तैयार है।इसपर डा० राय ने कहा कि पूरी तरह से पार्टी का एक एक कार्यकर्ता तैयार हैा प्रदेश की सभी 14 सीटें एनडीए के खाते में जायेगी। टीवी चेनलों के द्वारा रविवार को देश का मोड सर्वे रिपोर्ट में झारखंड में एनडीए को महज चार या पॉच सीटे मीलने के अनुमान को डा० राय ने चौक चौराहों का सर्वे बताया ।
जब उनसे पूछा गया कि चर्चा हे कि कोडरमा में भी प्रत्याशी बदला जा सकता है? इस सवाल का जबाब डा० राय ने दार्शनिक अंदाज में दिया और कहा कि।
सच्चाई छुप नही सकती बनावट के असूलों से ,खुशबु आनही सकती कभी कागज के फूलों से ।

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