1968 ई० में वन विभाग से प्रदत जमीन का 51 वर्षो में भी नही हुआ बन्‍दोबस्‍ती

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गुमला से अजय शर्मा की रिपोर्ट

  • भूमि सूधार उप समाहर्ता  व अँचल कार्यालय पालकोट से तीन-तीन बार बन्दोबस्ती अभिलेख हुआ गायब
  • पीडि़त रामकिशोर पाठक ने बाध्य होकर जॉच व कारर्वाई के लिए दर्ज किया मामला लोकायुक्त के पास

गुमला: जिले के पालकोट प्रखण्ड अंतर्गत बघीमा पंचायत के हंसदोन मौजा की खाता न० 43 प्लॉट न० 213 रकबा 1.18 एकड व  प्लॉट न० 280 रकबा 0.85 एकड कूल 2.03 एकड वन भूमी को कृषी योग्य रहने के कारण इसे वन सीमा से मुक्त करते हुए वन प्रमण्डल पदाधिकारी, गुमला के द्वारा बघीमा के एक भूमीहिन व गरीब बीपीएलधारी रामकिशोर पाठक व इनके स्वर्गीय पिता लालमोहन पाठक को लिखित विभागीय पत्र के माध्यम से देकर इसे अँचलाधिकारी से बन्दोबस्त कराने को कहा था लेकिन आवेदन के पश्चात 51 वर्षो में तीन-तीन बार अभिलेख खुला लेकिन बन्दोबस्ती वाद का अभिलेख कार्यालय से गायब हो जा रहा है जिसके कारण भूधारी रामकिशोर पाठक का 51 वर्षो के इतने लम्बे अंतराल में भी वन विभाग से प्राप्त भू खण्डो का बन्दोबस्ती अब तक नही हो पाया है  और इनके द्वारा थक हार कर  लोकायुक्त , झारखण्ड (रॉची ) के समक्ष एक लिखित शिकायत दर्ज कर जॉच व कारवाई कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई गई है l लोकायुक्त को भेजे गए शिकायत पत्र में इन्होने कहा है बन्दोबस्ती के लिए मेरे आवेदन देने के पश्चात प्रस्ताव बनाकर अँचलाधिकारी, पालकोट द्वारा  उक्त भू खण्डो की बन्दोबस्ती के लिए जिले के भूमी सूधार उप समाहर्ता के यहॉ भेजी गई तथा वहॉ पर बन्दोबस्ती वाद सं०- 11/1969-70 का पहला अभिलेख खोला गया और जॉच कर रिपोर्ट अँचलाधिकारी पालकोट से मॉगी गई किन्तु कुछ दिनो माह के बाद अँचल कार्यालय से अभिलेख ही गायब हो गया l मुझ आवेदक के द्वारा  पुन: दूबारा आवेदन लगाया तो फिर प्रस्ताव बनाकर अँचलाधिकारी के द्वारा पुन: भूमी सूधार उप समाहर्ता के यहॉ भेजी गई, जिस पर पुन: वहॉ पर बन्दोबस्ती वाद सं०- 14/1969-70 का एक अभिलेख खुला और  अँचलाधिकारी से फिर रिपोर्ट तलब किया गया लेकिन वह अभिलेख भी गायब हो गया l  दिनॉक 21.01.1987 मेरे द्वारा इस बाबत एक आवेदन भूमी सूधार उप समाहर्ता, गुमला के नाम लिखकर पुन: अर्जी किया गया कि बन्दोबस्ती का दोनो अभिलेख गायब हो जाने से मेरा बन्दोबस्ती का काम रूका  है अत: आग्रह है कि एक नया अभिलेख खोलकर मेरा बन्दोबस्ती का कार्य को किया जाय l जिसपर भूमी सूधार उप समाहर्ता के द्वारा  पुन: तिसरी बार बन्दोबस्ती वाद सं०- 18आर०08/ 1990-91 का एक अभिलेख पुन: खुला और उस पर भी अँचलाधिकारी ,  पालकोट से रिपोर्ट तलब किया गया लेकिन काफी लम्बे अवधि पर पर पालकोट अँचल से रिपोर्ट नही भेजने पर मेरे द्वारा सन 2013 ई० में एक सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन भूमी सूधार उप समाहर्ता के कार्यालय में देकर अंतिम बन्दोबस्ती अभिलेख व सम्पूर्ण जॉच रिपोर्ट अभिलेख की अभिप्रमाणित प्रति की मॉग किया  लेकिन सूचना का अधिकार से भी बन्दोबस्ती अभिलेख हासिल नही हुआ l  अपील वाद सं०- 1076/13 में 'झारखण्ड राज्य सूचना आयोग'  के *मुख्य सूचनायुक्त के निर्देश पर सूचना में अभिलेख की अभिप्रमाणित प्रति की जगह एक शपथ-पत्र भूमी सूधार उप समाहर्ता के द्वारा देकर बोला गया कि काफी खोजबीन के बाद भी बन्दोबस्ती का उक्त अभिलेख कार्यालय में नही मिल रहा है अत: ये  सूचना नही होने का प्रमाण दिया जा रहा है* *साथ में बन्दोबस्ती अभिलेख 18/90-91 के स्थान पर नया प्रस्ताव तैयार कर विधिवत कारवाई करने के लिए अँचलाधिकारी पालकोट के नाम विभाग पत्रॉक 130/रा० , दिनॉक 26.08.2015 के तहत भेजी गई है जो पत्र शपथ-पत्र के साथ संलग्न है l* सूचना का अधिकार का मामला आयोग से निस्तारण होने के बाद अँचलाधिकारी द्वारा मामले को लटकाने को लेकर मेरे द्वारा एक शिकायत  *मुख्यमंत्री जनसंवाद* में लगाया गया जिसका शिकायत सं०- 2018-6042 है जहॉ से रिपोर्ट तलब करने पर अँचलाधिकारी , पालकोट के द्वारा पत्रॉक - 75 (ii) , दिनॉक 16-09-2018 के तहत लिखित मे कहा गया कि *हल्का कर्मचारी व अँचल निरीक्षक के प्रतिवेदीत किया गया है कि बन्दोबस्ती के लिए आवेदित जमीन किस्म जंगल- झाडी व नदी के नाम पर सर्वे खतीयान में दर्ज है तथा वन विभाग का होने के कारण उक्त जमीन पर बन्दोबस्ती अँचल कार्यालय की ओर से वर्तमान में नही हो रहा है , उक्त जमीन वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन पट्टा हेतु ग्राम सभा एवं वनाधिकार समिति द्वारा अनुसंशित के लिए दिया गया है l*  शिकायतकर्ता रामकिशोर पाठक ने लोकायुक्त से कहा है कि *सन 1968 को वन विभाग से भू खण्ड मिलने के उपरॉन्त आज लगभग 51 वर्षो में  उक्त भू खण्डो पर मेरे द्वारा खेती-बारी किया जा रहा है , 'वनाधिकार कानुन 2006 में लागू हुआ ,इतने लम्बे अरसो से मेरा तीन-तीन बन्दोबस्ती अभिलेख को गायब कर अभी इस तरह का कहा जा रहा है जो भ्रष्टाचार व प्रशासनिक लापरवाही के साथ साथ मुझ गरीब आवेदक को जानबुझकर परेशान करना है l* रामकिशोर पाठक के द्वारा लोकायुक्त से सारे मामले की उच्च स्तरिय जॉच कर विधि सम्मत कारवाई करने तथा वन विभाग से प्राप्त जमीन/भू खण्डो को उनके नाम बन्दोबस्ती कराने का आग्रह किया गया है l

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