नई दिल्ली: कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है, जो इस बात के संकेत हैं कि पार्टी प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन का हिस्सा नहीं बन सकती है। इसी के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष प्रदेश में जोरदार चुनावी अभियान करने जा रहे हैं। राहुल गांधी फरवरी में उत्तर प्रदेश में 10 जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं और पार्टी की आकांक्षा को बलवती बनाने के लिए वह लगातार प्रदेश का दौरा करने वाले हैं।
पार्टी के नेता पी. एल. पुनिया ने आईएएनएस को बताया, "वह (राहुल गांधी) फरवरी में प्रदेश में 10 जनसभाओं को संबोधित करेंगे।"
उन्होंने कहा कि अगले महीने हर तीसरे दिन गांधी उत्तर प्रदेश में होंगे।
पुनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए तैयार है।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा, "हर हाल में हम खुद संघर्ष करने को तैयार हैं।"
बसपा अध्यक्ष मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को लखनऊ में संयुक्त प्रेसवार्ता करने वाले हैं, जिसमें वे दोनों दलों में सीटों के बंटवारे के फार्मूले का एलान कर सकते हैं।
बताया जाता है कि दोनों दलों ने 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने का समझौता कर लिया है और दो सीटें अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के लिए होंगी। सपा-बसपा गठबंधन अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकता है। अमेठी से राहुल गांधी सांसद हैं और रायबरेली का प्रतिनिधित्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी करती हैं।
लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस इन्हीं दो सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा को पांच सीटों पर जीत मिली थी, जबकि बसपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी।
इससे पहले लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 22 सीटों पर जीत हासिल की थी।
इसी सप्ताह एक साक्षात्कार में राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में एक मजबूत ताकत बनकर उभरेगी।
उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस की परिकल्पना काफी मजबूत है। इसलिए, हमें उत्तर प्रदेश में अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है। हम लोगों को चकित कर देंगे। हम एक बार फिर बस यही कहना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को कम करके आंकना भूल होगी।"
गांधी ने बताया था कि पार्टी उत्तर प्रदेश में ज्यादा बड़ा गठबंधन बनाने की आकांक्षा रखती है।
उन्होंने कहा था, "हम उत्तर प्रदेश में विपक्ष को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं और इस दिशा में कार्य प्रगति पर है। मैंने मीडिया में कुछ बयान सुने हैं, लेकिन एक साथ काम कर रहे हैं और पक्का विश्वास है कि हम मोदी को शिकस्त देंगे।"
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