रांची: राष्ट्रीय सेंगल अभियान के नेता व पूर्व सांसद ने आज झारखंड की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करके हेमन्त सरकार के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा कि शहरीकरण के बिस्तार के नाम पर प्रस्तावित बिल - " झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक - 2021" पर गवर्नर हस्ताक्षर ना करें तथा जब तक इस मामले का अनुमोदन TAC द्वारा नहीं होता है, यह गलत और असंवैधानिक भी है।
ज्ञापन में अपनी बातें दुहराते हुए सालखन ने कहा कि गुरुजी शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम ने अब तक झारखंडी हित में एक भी नीतिगत काम नहीं किया है। जबकि 5 बार मुख्यमंत्री बन चुके। अन्यथा झारखंडी डोमिसाइल, न्यायपूर्ण आरक्षण नीति, रोजगार नीति, सरना धर्म कोड, संताली प्रथम राजभाषा, बिरसा मुंडा और सिदो मुर्मू के वंशजों के लिए दो ट्रस्टों का गठन, रामेश्वर मुर्मू की हत्या पर सी बी आई जांच, विस्थापन पलायन पर रोक, TAC का गठन, पेसा एक्ट 1996, समता फैसला 1997, पांचवी अनुसूची आदि लागू हो जाता। जेएमएम सरकार केवल रूटीन काम करती है, जो कोई भी कर सकता है। जिसके पास पावर और पैसा अर्थात बजट राशि हो ।
दूसरी तरफ JMM की स्थापना 1973 में हुई और तबसे अबतक JMM ने आदिवासी समाज में प्रचंड रूप से व्याप्त नशापान, अंधविश्वास ( डायन प्रथा), ईर्ष्या द्वेष, वोट खरीद- बिक्री, गांव गांव में वंश- परंपरागत नियुक्त अनपढ़- पियक्कड़ माझी परगना स्वशासन व्यवस्था में सुधार के लिए कुछ भी नहीं किया है। बल्कि इसमें JMM को वोट का फायदा दिखता है, भले आदिवासी समाज का विनाश जारी है।
सालखन ने कहा है कि विकास प्राधिकार में संशोधन वाला यह ताजा विधेयक दरअसल सीएनटी और एसटीपी ऐक्ट को तोड़कर आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा करने की एक साजिश है, जैसा कि इससे पहले लैन्ड बैंक के नाम पर पिछली रघुवर सरकार ने प्रयास किया था। गर्वनर से मिले प्रतिनिधिमंडल में सालखन साहित कई अन्य नेता मौजूद थे।