तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के जंगलीमहल इलाके के चार जिलों में फैली 40 विधानसभा सीटों में से 26 पर कब्जा जमा लिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा इन 40 विधानसभा सीटों में से 31 सीटों पर बढ़त हासिल करने में सफल रही थी। जंगलमहल में पुरुलिया बांकुरा, पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम सहित चार जिलों में फैली 40 सीटें हैं। पुरुलिया में 9 सीटें, बांकुरा में 12 सीटें, पश्चिम मिदनापुर में 15 सीटें और झाड़ग्राम में 4 सीटें हैं। आदिवासी आबादी के वर्चस्व वाली इन सीटों में से अधिकांश को तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और बीजेपी 40 में से 31 सीटें हासिल करने में सफल रही थी, जिससे उन्हें इन क्षेत्रों की पांच में से चार लोकसभा सीटें मिली हैं। हालांकि बीजेपी पुरुलिया और बांकुड़ा में कुछ नियंत्रण बनाए रखने में सफल रही है लेकिन वे पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम पर अपना नियंत्रण बनाए रखने में विफल रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, दो कारक हैं जिन्होंने जंगलमहल क्षेत्रों पर तृणमूल ने फिर से कब्जा जमाया। मुख्य रूप से यह राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं के कारण था जो सीधे लाभार्थियों तक पहुंची और मुख्यमंत्री पर विश्वास बहाल करने में मदद की। दुआरे सरकार या कन्याश्री या स्वास्थ्य साथी जैसी परियोजनाओं ने लोगों को सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं तक पहुंचने में मदद की। बताते चलें कि इस हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सहित कई आदिवासी नेताओं ने उन इलाकों में प्रचार प्रसार के दौरान जबरदस्त उपस्थिति दर्ज करायी थी।