उपेंद्र कुशवाहा ने राजग व मंत्री पद छोड़ा, मोदी पर साधा निशाना

नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को छोड़ दिया। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मंत्री पद से इस्तीफे के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर जोरदार हमला बोला।

उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'बिहार को धोखा देने व कामकाज में आपरदर्शी शैली व गैर लोकतांत्रिक तरीका' अपनाने का आरोप लगाया।

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के बाद राजग व मोदी सरकार का साथ छोड़ने वाले कुशवाहा दूसरे सहयोगी हैं। 

उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी को दिए अपने इस्तीफे में कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल महज एक रबर स्टैम्प बनकर रह गया है।

उन्होंने पत्र में कहा, "संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है और वास्तव में सरकार के हर संस्थान का राजनीतिक उपयोग किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, "मंत्रालयों में तैनात मंत्री व अधिकारी सिर्फ नाममात्र के हैं क्योंकि वास्तव में सभी निर्णय आपके (मोदी), आपके कार्यालय व भाजपा अध्यक्ष द्वारा लिए जा रहे हैं (जो कि गैर-संवैधानिक है)।"

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी नेता ने कहा कि सरकार 'आरएसएस के एजेंडे' का अनुसरण कर रही है जो कि संविधान विरोधी है व सामाजिक न्याय के उस एजेंडे को बदल रही है और नजरअंदाज कर रही है जिसके लिए हमने राजग का समर्थन किया था।

कुशवाहा का भाजपा व जनता दल (यू) से कुछ समय से मतभेद चल रहा था। वह मोदी व अमित शाह से मुलाकात करना चाहते थे लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।

उपेंद्र कुशवाहा ने मोदी को भेजे गए पत्र में कहा, "बीते 55 महीनों से आपकी मंत्रिपरिषद में सेवा करने के दौरान मुझे नजरअंदाज किया गया और आपके नेतृत्व ने मेरे साथ छल किया।"

उन्होंने कहा, "चुनावों से पहले लोगों से किए गए वादों व सत्ता में आने के बाद जो आपने किया, उसमें विरोधाभास है।"

उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा, "बिहार को विशेष पैकेज देने का वादा सबसे बड़ा जुमला साबित हुआ।"

उन्होंने कहा, "मामले की सच्चाई यह है कि आपके नेतृत्व के तहत बिहार के लोगों के साथ गंभीर व अभूतपूर्व अन्याय किया गया है, मैं यह बेहद दुख व पश्चाताप के साथ कह रहा हूं।"

उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से कहा कि सरकार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे पर चल रही है और देश भर में आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले बहुत से लोगों को कुलपति बनाया गया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह विपक्षी गठबंधन में शामिल होंगे या अपनी पार्टी का शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल के साथ विलय करेंगे या बिहार में तीसरे विकल्प के तौर पर कार्य करेंगे, कुशवाहा ने कहा, "हमारे सभी विकल्प खुले हैं। आने वाले दिनों में हम फैसला लेंगे।"

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