बेंगलुरु: बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने कर्नाटक महामारी रोग अधिनियम, 2020 के तहत एक दक्षिण अफ्रीकी नागरिक के खिलाफ बेंगलुरु में क्वारंटीन के दौरान देश से भागने को लेकर मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दक्षिण अफ्रीकी नागरिक देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने वाले पहले दो व्यक्तियों में से एक है। परिणाम आने से पहले उसके भागने से अधिकारियों को बड़ी शमिर्ंदगी उठानी पड़ी।
66 वर्षीय व्यक्ति ने जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट के परिणाम आने से पहले ही दुबई के रास्ते दक्षिण अफ्रीका लौटने के लिए एक निजी लैब से एक आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट तैयार कराने में कामयाबी हासिल की थी।
शिवाजीनगर में बीबीएमपी चिकित्सा अधिकारी, डॉ. नवीन कुमार ने इस संबंध में बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में होटल स्टाफ की लापरवाही का भी जिक्र किया गया है।
दक्षिण अफ्रीकी नागरिक के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद 20 नवंबर को उसे होटल में क्वारंटीन किया गया था। उसे 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाना था।
होटल प्रबंधन को भी मामले की जानकारी दी गई। हालांकि, कर्मचारियों ने 27 नवंबर को दक्षिण अफ्रीकी नागरिक को जाने दिया। जब पुलिस ने कर्मचारियों से पूछताछ की, तो उन्होंने कहा कि एक निजी प्रयोगशाला द्वारा प्राप्त निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद ही उसे बाहर जाने दिया गया था।
दक्षिण अफ्रीका ने केआईएएल में वही निगेटिव आरटी-पीसीआर प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया था और उसे मंजूरी मिल गई थी। सूत्रों ने बताया कि वह जोहान्सबर्ग में एक दवा कंपनी का प्रमुख है और वह बोर्ड की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरु आया था।
कर्नाटक सरकार ने 3 दिसंबर को इस मामले की जांच का आदेश देने का फैसला किया। राजस्व मंत्री आर. अशोक ने कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा, चूंकि दक्षिण अफ्रीकी नागरिक के बेंगलुुरु से बाहर निकलने में विसंगतियों का संदेह है, इसलिए हमने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त को मामले की जांच शुरू करने का निर्देश दिया है।