भभुआ: बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ की दलित बेटी शशिकला को न्याय दिलाने के लिए पांच सूत्री मांग को लेकर कैमूर समाहरणालय (जिलधिकारी कार्यालय) के सामने मंगलवार से जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) का आमरण अनशन शुरू हो गया। अनशन का नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष अनिल कुमार कर रहे हैं। उनके साथ पार्टी के कई नेता भी अनशन पर हैं। इस दौरान अनिल कुमार ने पत्रकारों से कहा, "हत्या को पुलिस द्वारा आत्महत्या बताना बेहद गंभीर मामला है। हम दलित परिवार से आने वाली मेधावी बेटी शशिकला को न्याय दिलाने के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं। हमारी मांगें जब तक पूरी नहीं हो जाती, तब तक यह अनशन जारी रहेगा।"
अनिल ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कैमूर के रामगढ़ स्थित बड़ौरा गांव में शशिकला हत्याकांड में पुलिस अपराधियों के बदले पीड़ितों को डरा और धमका रही है। हत्या को अत्महत्या का मामला बताकर अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंन कहा, "18 वर्षीय बेटी शशिकला के हत्या मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से हो। फास्ट ट्रैक कोर्ट से सुनवाई हो और उसके हत्यारे को अविलंब फांसी की सजा मिले। जांच तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।"
उन्होंने सरकार से शशिकला के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की भी मांग की।
अनशन स्थल पर शशिकला की मां कश्मीरा देवी, पिता परमात्मा राम सहित पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मंडल, युवा प्रदेश अध्यक्ष संतोष यादव सहित कई पुरुष और महिलाएं शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि 17 जनवरी को रामगढ़ थाना के बड़ौरा की शशिकला नामक छात्रा का शव पुलिस मोहनिया के पास रेल पटरी से बरामद किया था। लड़की के परिजन इसे हत्या, जबकि पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है।