छतरपुर/मंदसौर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को कांग्रेस पर जातिवाद, भाई-भतीजावाद और लोगों को आपस में लड़ाने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस के पास चर्चा मुद्दे नहीं हैं, इसलिए ये लोग मां को गाली देने की राजनीति पर उतर आए हैं। कुछ बुराइयां उनके खून में समा गई हैं। मध्यप्रदेश के छतरपुर और मंदसौर में जनसभाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की न नीयत बदली है, न इरादे बदले हैं और न ही उनकी आदतें बदली हैं, क्योंकि कुछ बुराइयां उनके खून में समा गईं हैं।
उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार कांग्रेस का शिष्टाचार है, भ्रष्टाचार कांग्रेस का संस्कार बन गया है और जिस दल के संस्कार ही भ्रष्टाचार हों, जिसके शिष्टाचार ही भ्रष्टाचार हों, उसकी लाइफ स्टाइल, उसकी जिदगी ही इस तरह की हो जाती है।"
मोदी ने कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में न चार पीढ़ियों का हिसाब देने को तैयार है, न मध्यप्रदेश में 55 सालों के शासन का हिसाब देने को तैयार है, न शिवराज सिह चौहान द्वारा किए गए कामों पर चर्चा करने को तैयार नहीं है। वे अपनी चार पीढ़ी और एक चायवाले के चार साल के शासन की तुलना को भी तैयार नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "जिसके पक्ष में सत्य न हो, न्याय न हो, कुसंस्कार हो, अहंकार हो, वह मुद्दे छोड़कर तेरी मां मेरी मां पर आ जाता है। आजादी के बाद इतने सालों तक जिस पार्टी ने शासन किया, उसके नेता मोदी के साथ भिड़ने की बजाय, मां को गाली दे रहे हैं। मोदी से मुकाबला करने की ताकत नहीं, और आप मां को घसीटकर ले आते हैं।"
मोदी ने कहा, "कांग्रेसी हमारे शिवराज को भी पता नहीं क्या-क्या कहते हैं। वे नामदार हैं, हम कामदार। नामदार चाहे जिसे गालियां दे सकते हैं, भले ही गलती उनकी हो। प्रदेश का बच्चा-बच्चा शिवराज को मामा बोलता है। मामा वही होता है, जिसके दिल में दो मां के बराबर स्नेह हो। परेशान कांग्रेसी उन्हें शकुनि मामा, कंस मामा कहने लगे।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छा होता अगर कांग्रेस के राजा-महाराजा और नामदार शिवराज को गाली देने से पहले क्वात्रोची मामा को याद कर लेते। भोपाल के गुनहगार एंडरसन मामा को याद कर लेते, जिन्हें नामदार के पिताजी की सरकार ने चोरी से भगा दिया था। कांग्रेसी जितनी जोर से शिवराज मामा को गालियां देंगे, उतनी ही जोर से प्रदेश के भांजे-भांजियां उन्हें जवाब देंगे।
मोदी ने कहा, "आज मध्यप्रदेश जहां पहुंचा है, अब उसमें बड़ी छलांग लगाने की ताकत आ गई है। प्रदेश को तमाम तरह की मुसीबतों से बाहर निकालने में 15 साल लग गए। अब तेजी से आगे बढ़ने का अवसर आया है और ये मौका आप जाने मत देना, वरना फिर 55 साल वाली कहानी दोहराई जाएगी।"
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