'मी टू' अभियान एक 'गलत चलन' की शुरुआत - भाजपा सांसद उदित राज

नई दिल्ली: भारत की मीडिया और बॉलीवुड में बढ़ते 'मी टू' अभियान पर भाजपा सांसद उदित राज ने मंगलवार को सवाल किया कि महिलाएं कथित घटना के 10 साल बाद अपनी कहानियों के साथ क्यों आ रही हैं और उन्होंने इसे एक 'गलत चलन' की शुरुआत करार दिया। कई बॉलीवुड हस्तियों के खिलाफ महिलाओं द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। इसमें अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ लगाए गए आरोप शामिल हैं।

उत्तर पश्चिम दिल्ली से सांसद उदित राज ने ट्वीट किया, "'मी टू' अभियान आवश्यक है, लेकिन 10 साल बाद किसी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने साल बाद घटना के तथ्यों की जांच करना कैसे संभव हो सकता है?"

उन्होंने कहा, "जिस पर आरोप लगाए गए हैं, इससे उस व्यक्ति की छवि खराब करने के रूप में भी देखा जाना चाहिए। यह एक गलत चलन की शुरुआत है।"

उदित राज ने बाद में कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं, सभी के आरोप बिल्कुल सही हैं और झूठ नहीं हो सकते।

उन्होंने यहां मीडिया से कहा, "महिलाओं का शोषण हो सकता है, कास्टिंग काउच भी है, लेकिन यह कहना सही नहीं होगा कि जो भी उत्पीड़न का शिकार होने का दावा कर रही हैं, वे सभी आरोप लगाने वाली देवियां बिल्कुल सही हैं और वे झूठ नहीं बोल सकतीं।"

उन्होंने कहा कि ऐसे कई हनीट्रैप के मामले लोगों के सामने हैं।

उन्होंने कहा, "मैंने धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत कई ऐसे मामले देखे हैं, जहां महिलाओं ने पुरुषों से पैसे वसूले हैं। मैंने ऐसे भी कई मामले देखे हैं, जहां महिलाएं लिव इन संबंधों में रहती हैं और बाद में साथी पर दुष्कर्म का आरोप लगाती हैं। और कई (आरोपी) पुरुष अभी भी जेल में सड़ रहे हैं।"

बॉलीवुड में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और 'मी टू' अभियान के परिप्रेक्ष्य में तनुश्री ने सितंबर माह में एक साक्षात्कार दिया था, जिसमें उन्होंने 2008 में फिल्म 'हॉर्न ओके प्लीज' के सेट पर नाना पाटेकर द्वारा उनके साथ कथित उत्पीड़न का अनुभव साझा किया था, जिसके बाद भाजपा सांसद की यह टिप्पणी आई है।

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