नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने राफेल मामले के दस्तावेज को लेकर सरकार की दलील पर गुरुवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ता पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, पत्रकार से राजनेता बने अरुण शौरी और सक्रियतावादी व वकील प्रशांत भूषण द्वारा राफेल मामले में दाखिल दस्तावेज पर सरकार ने दलील पेश की।
करीब एक घंटे की सुनवाई के बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकारी दलील पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दलील में दस्तावेज को मामले के रिकॉर्ड से हटाने की मांग की गई।
केंद्र सरकार ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा और लड़ाकू विमानों की संवेदनशील सूचना लीक करने के दोषी हैं। याचिकाकर्ताओं ने अदालत के 14 दिसंबर के उस फैसले की समीक्षा करने की मांग की जिसमें राफेल विमान सौदे में सरकार को क्लीन चिट दी गई थी।
सरकार ने एक हलफनामे में कहा कि लीक हुई सूचना अब दुश्मन/ हमारे विरोधियों को उपलब्ध हो गई है। सरकार ने कहा कि सूचना लीक के इस मामले की साजिश रचने वाले भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध करने के दोषी हैं।
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