बुलंदशहर हिंसा: ट्रॉली भरकर लोग लेकर पत्थरबाजी करने पहुंचा था बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज

'भीड़ ही ट्रॉली लेकर आई और उसमें अवशेष डाले और कहा कि हम थाने जाकर जाम करते हैं। हमने इस पर मना किया और कहा कि हम माहौल खराब नहीं करना चाहते। लेकिन भीड़ नहीं मानी।' जब उनसे पूछा गया कि हिंसा करने वाले लोग कौन थे तो उन्होंने कहा, 'हम नहीं बता सकते कि भीड़ में बजरंग दल के लोग थे या नहीं।'

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना गांव में गोकशी के शक में फैली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत के बाद राज्य पुलिस ऐक्शन में आ गई है। पुलिस इस मामले में मुख्य आरोपी तथा बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है। पुलिस ने इस हिंसा मामले में अबतक चार लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि 87 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस आज बताया कि 6 टीमें आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी कर रही है। 

एडीजी आनंद कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि योगेश राज को अभी अरेस्‍ट नहीं किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि योगेश राज पहले एक प्राइवेट नौकरी करता था। 2016 में योगेश बजरंग दल का जिला संयोजक बना। उसके बाद नौकरी छोड़कर पूरी तरह संगठन के लिए काम करने लगा। योगेश राज के घर की दीवार पर अखंड भारत का नक्शा भी है। इसमें जिक्र है कि भारत कब-कब बंटा है।

इससे पहले पुलिस योगेश की शिकायत पर ही सात गोकशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। योगेश राज ने सोमवार को स्‍याना पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि वह अपने कुछ साथियों के साथ सोमवार सुबह करीब नौ बजे गांव महाब के जंगलों में घूम रहा था। इसी दौरान उसने नयाबांस के आरोपी गोतस्‍कर सुदैफ चौधरी, इलियास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज और सरफुद्दीन को गोवंशों को कत्ल करते हुए देखा। इसके बाद उन्‍होंने शोर मचा दिया। इसके बाद आरोपी भाग निकले। 

बुलंदशहर में जिसके खेत में गोवंश के अवशेष मिले थे, उसके मालिक का कहना है कि उन्होंने अवशेषों को खेत में गाड़ने का फैसला किया था, लेकिन भीड़ नहीं मानी। एनडीटीवी से खेत के मालिक राजकुमार की पत्नी रेनू ने बातचीत की। रेनू का कहना है, 'जब हम कल (तीन दिसंबर) खेत पहुंचे तो हमें वहां गाय के अवशेष मिले। हमने इसके बारे में पुलिस को सूचना दी। तब तक काफी संख्या में गांववाले और भीड़ हमारे खेत में पहुंच चुकी थी। इसके बाद हमने अवशेष खेत में गाड़ने का फैसला किया, लेकिन भीड़ नहीं मानी।'

इसके साथ ही उन्होंने बताया, 'भीड़ ही ट्रॉली लेकर आई और उसमें अवशेष डाले और कहा कि हम थाने जाकर जाम करते हैं। हमने इस पर मना किया और कहा कि हम माहौल खराब नहीं करना चाहते। लेकिन भीड़ नहीं मानी।' जब उनसे पूछा गया कि हिंसा करने वाले लोग कौन थे तो उन्होंने कहा, 'हम नहीं बता सकते कि भीड़ में बजरंग दल के लोग थे या नहीं।'

बता दें कि इस कथित गोकशी की शिकायत के बाद सैंकड़ों लोग सड़क पर आ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। योगेश राज ने इनका नेतृत्‍व किया। स्‍याना कोतवाली के प्रभारी सुबोध कुमार सिंह ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। इस पर भीड़ हिंसक हो गई और इसी दौरान किसी ने गोली मारकर सुबोध कुमार की हत्‍या कर दी। 

Tags

Add new comment