वित्त मंत्री के एलान ने निवेशकों की झोली में डाल दिए 2.11 लाख करोड़ रुपये

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

नई दिल्ली: दोपहर करीब 12:20 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1925.81 अंक यानी 5.34 फीसदी की बढ़त के बाद 38,019.28 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी की बात करें, तो 560.35 अंक यानी 5.24 फीसदी की बढ़त के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 11,265.35 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। ये शेयर बाजार में पिछले 10 साल की सबसे बड़ी इंट्रा डे तेजी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, इससे निवेशकों को 2.11 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। 

लाभ में रहे ये शेयर 
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बेंक, टाटा मोटर्स, येस बैंक, टाटा स्टील, एल एंड टी, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज आटो और आरआईएल में 9 फीसदी तक की तेजी आई। वहीं दूसरी तरफ टीसीएस और एनटीपीसी नुकसान में रहे।

डॉलर के मुकाबले रुपये में भी बढ़त
अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की वित्तमंत्री की घोषणा से रुपया 66 पैसे उछलकर 70.68 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। बता दें कि रुपये की शुरुआत आज 12 पैसे की बढ़त के साथ हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 71.20 के स्तर पर खुला। वहीं, पिछले कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया 71.32 के स्तर पर बंद हुआ था।

वित्त मंत्री ने किए ये एलान
सरकार ने आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिये बड़ी घोषणा करते हुए शुक्रवार को कॉर्पोरेट कर की प्रभावी दर घटा दी। अब घरेलू कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई दर इस वित्त वर्ष के एक अप्रैल से प्रभावी होगी। 

राजस्व में 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान
उन्होंने कहा कि दर कम करने तथा अन्य घोषणाओं से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। सीतारमण ने कहा कि निवेश और आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिये ये कदम उठाये गये हैं। यदि कोई घरेलू कंपनी किसी भी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लें तो उनके लिये कॉरपोरेट कर की दर 22 फीसदी होगी। उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम तथा वित्त अधिनियम में किये गये बदलाव अध्यादेश के जरिये अमल में लाये जाएंगे। 

सरकार द्वारा शुक्रवार को कार्पोरेट्स को दिए गए 1,45,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन से भारतीय कारोबारी जगत में खुशी की लहर दौड़ गई। इसके तहत घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर को घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है तथा नए विनिर्माण कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है, ताकि पूंजी बाजार को बढ़ावा मिले। ग्रेव्स कॉटन लि. के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नागेश बसावनहल्ली ने कहा, "हम कार्पोरेट कर में कटौती करने, 5 जुलाई से पहले घोषित बायबैक पर सरचार्ज हटाने और सीएसआर (कॉपोरेट्स की सामाजिक जिम्मेदारी) खर्च के दायरे को बढ़ाने के वित्त मंत्री के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं। "

यह मोदी 2.0 सरकार की सबसे बड़ी प्रोत्साहन पहल है, जिससे मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जो वित्त वर्ष 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में 6 साल के सबसे निचले विकास दर 5 फीसदी पर पहुंच गई थी।

वेदांता र्सिोसेज के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि सरकार के इस कदम से विनिर्माण और अवसंरचना क्षेत्र को निश्चित रूप से बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, "हमें भरोसा है कि इस कदम से आनेवाले दिनों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे जीडीपी अपनी वास्तविक क्षमता 8-9 फीसदी की रफ्तार पकड़ सकेगी।"

नए कदमों से बाजार की भावना में सुधार की संभावना है जो आम बजट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआईज) पर लगाएगे गए सरचार्ज से बिगड़ गई थी।

कॉर्पोरेट कर में कटौती, सरचार्ज हटाने और अन्य छूट देने से निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार में लौटा और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में जोरदार तेजी दर्ज की गई।

उद्योग निकाय एसोचैम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, "निश्चित रूप से भारतीय कारोबारी जगत को इससे प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे मरती जा रही अर्थव्यवस्था में वापस जान लौटेगी। लेकिन हमें यह भी उम्मीद है कि सरकार द्वारा जल्द ही अमीर लोगों पर लगाए गए 42 फीसदी की कर की दर को तर्कसंगत बनाकर 35 फीसदी किया जाएगा।"

आईआईएफएल समूह के अध्यक्ष निर्मल जैन ने कहा, "वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित 1.45 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि से निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था और बाजार में तेजी आएगी। इसके साथ ही इससे हम सरल और कम दर के शासन की तरफ कदम बढ़ाएंगे, जहां काफी कम या शून्य प्रोत्साहन या छूट होगी (क्योंकि इसका दुरुपयोग ज्यादा होता है)।"

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