साल 2019 में तबरेज अंसारी को चोर समझकर इतना पीटा गया था कि उनकी मौत हो गई. इस बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस में चार साल बाद झारखंड के सरायकेला की जिला अदालत ने फैसला सुना दिया है. इस केस से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने तबरेज अंसारी की हत्या में संलिप्त पाए गए 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसी मामले में दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है. इन सभी दोषियों की सजा पर सुनवाई 5 जुलाई को की जानी है.
सरायकेला के एडीजे-वन अमित शेखर की कोर्ट ने इस केस में जिन्हें दोषी पाया है. इनमें मुख्य आरोपी पप्पू मंडल के अलावा भीम सिंह मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुमंत महतो, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और प्रकाश मंडल शामिल हैं. बरी किए गए आरोपियों में सत्यनारायण नायक और सुमंत प्रधान हैं. बता दें कि 18 जून 2019 को जमशेदपुर के पास धातकीडीह में तबरेज अंसारी को चोर बताकर भीड़ ने बुरी तरह पीटा था, जिसकी बाद में पुलिस हिरासत में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. यह मॉब लिंचिंग केस पूरे देश में चर्चित हुई थी और इसे लेकर सियासी बहस का सिलसिला छिड़ गया था.
विपक्षी दलों ने राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए थे. बताया गया था कि चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को लोगों ने पकड़ लिया था और खंभे से बांधकर उसकी पिटाई की थी. पिटाई के दौरान लोगों ने तबरेज अंसारी से 'जय श्री राम' के नारे भी लगवाए थे. पिटाई के दौरान कुछ लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. तबरेज की पिटाई के बाद अगले दिन पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने घायल तबरेज को गिरफ्तार कर लिया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित कर दिया. एक मैजिस्ट्रेट ने उसे जेल भेजने के आदेश दे दिए. इस दौरान तबरेज की हालत बिगड़ती गई और उसकी 22 जून को मौत हो गई थी.
मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में इनमें से मुख्य आरोपी पप्पू मंडल को छोड़ बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली थी. इस बीच एक आरोपी की मौत हो गई. गवाहों और सबूतों के आधार पर लंबी सुनवाई के बाद मंगलवार को अदालत द्वारा 10 आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है. अब इस मामले में सजा के बिंदु पर आगामी 5 जुलाई को सुनवाई होगी.