लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य घायल हो गए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। कृषि कानूनों के विरोध ने तब हिंसक रूप ले लिया, जब अज्ञात व्यक्तियों ने किसानों पर गोलियां चलाईं। कुछ प्रदर्शनकारियों के वाहनों की चपेट में आने से आक्रोशित किसानों ने तीन जीपों में आग लगा दी। इनमें से एक वाहन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा का बताया जा रहा है।
किसानों ने मृतकों का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे अपने नेताओं से बात करने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय करेंगे।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में अपने कार्यक्रम में कटौती की है और राज्य की राजधानी लौट रहे हैं।
एडीजी-कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को स्थिति का जायजा लेने के लिए लखीमपुर खीरी भेजा गया है।
किसी भी तरह की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए इलाके में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है।
क्षेत्र में तनाव अभी भी बना हुआ है, जबकि विपक्षी नेता लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत वहां जा रहे हैं और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार सुबह वहां पहुंचेंगी।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है, जिन्होंने कथित तौर पर अपनी कार से किसानों को टक्कर मारी थी। अखिलेश ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को लखीमपुर खीरी का दौरा करेगा।
इस बीच मिश्रा ने कहा कि उनके बेटे पर किसानों के समूह में आए बदमाशों ने हमला कर दिया।
इससे पहले दिन में, हजारों किसानों ने रविवार को तिकुनिया तक मार्च निकाला और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वे पलिया, भीरा, बिजुआ, खजुरिया और संपूर्ण नगर जैसे आसपास के गांवों से हाथों में काले झंडे लेकर आए थे।
केंद्रीय मंत्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य गांव बनवीर पहुंचने वाले थे। हालांकि, किसानों ने महाराजा अग्रसेन स्पोर्ट्स ग्राउंड में हेलीपैड साइट पर कब्जा कर लिया, जहां उनका हेलीकॉप्टर उतरना था। इसके बाद उनका कार्यक्रम बदला गया और वे लखनऊ से सड़क मार्ग से लखीमपुर पहुंचे।
तिकुनिया में गुस्साए किसानों ने उनके स्वागत में लगे होर्डिग्स को उखाड़ कर विरोध किया।