'श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले': मीडिया रिपोर्ट्स

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

भारत प्रशासित कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को ख़त्म करने के विरोध में श्रीनगर में शुक्रवार को हुए कथित 'विरोध प्रदर्शन' की ख़बरें कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों ने रिपोर्ट की हैं। अलजज़ीरा, न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट और समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैसे के गोले दागे और हवा में गोलियां चलाईं। इनमें कुछ लोगों के घायल होने का भी दावा किया गया है।

रिपोर्टों में ये दावा भी किया गया है कि घाटी में 'विदेशी पत्रकारों और संचार सेवाओं पर पाबंदी' जारी है। हालांकि भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीर में सामान्य स्थिति का दावा किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि स्थिति शांतिपूर्ण है।

क़तर के समाचार समूह अलजज़ीरा ने दावा किया है कि उसके पास शुक्रवार को हुए 'विरोध प्रदर्शन की एक्सक्लूसिव वीडियो फुटेज' है।

अलजज़ीरा के मुताबिक भारत प्रशासित कश्मीर के श्रीनगर में शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए।

अलजज़ीरा की रिपोर्ट में दावा किया गया है, 'कर्फ्यू को अनदेखा करते हुए हज़ारों की संख्या में लोग श्रीनगर के मध्य हिस्से की तरफ बढ़ने लगे।'

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे थामे हुए थे और कुछ ने अपने हाथ में तख्तियां ली हुईं थीं जिन पर 'वी वांट फ्रीडम' और 'अनुच्छेद 370 को हटाया जाना मंजूर नहीं' जैसे नारे लिखे हुए थे।

भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को को हटाने का फ़ैसला किया था।

सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फ़ैसला किया है। दोनों ही हिस्सों को केंद्र शासित क्षेत्र बनाया गया है।

ये फ़ैसला अमल में आने के पहले ही जम्मू कश्मीर में 10 हज़ार अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया था।

कुछ के घायल होने का दावा
अल जज़ीरा की प्रजेंटर प्रियंका गुप्ता ने स्थानीय सूत्र के हवाले से दावा किया है कि शुक्रवार को 'प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं, आंसू गैस के गोले दागे और रबर चढ़ी स्टील की गोलियां चलाईं।'

प्रियंका गुप्ता के हवाले से अलजज़ीरा ने बताया है, "हम समझते हैं कि कुछ लोग घायल हुए हैं। कुछ लोगों को पेलेट गन से भी चोटें लगी हैं।"

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि विरोध प्रदर्शन में दस हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया। अधिकारी के हवाले से दावा किया गया कि प्रदर्शनकारी श्रीनगर के दक्षिणी हिस्से में जुटे थे और उन्हें आइवा ब्रिज पर वापस भेजा गया।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की नमाज़ के बाद श्रीनगर में हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रदर्शनकारी 'आज़ादी के समर्थन में' नारे लगा रहे थे। रिपोर्ट में छह प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले ये भी बताया गया है कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को वापस जाने के लिए कहा लेकिन लौटने के बजाए वो सड़क पर ही बैठ गए और इसके बाद फायरिंग शुरू हो गई।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुरक्षाबलों की कार्रवाई में कम से कम आठ लोग घायल हुए हैं।

कश्मीर में रोक जारी
रायटर्स ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया, " कुछ महिलाएं और बच्चे पानी में कूद गए।" एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया गया, "उन्होंने (पुलिस ने) हम पर दोनों तरफ से हमला किया।"

इसके पहले शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधों में राहत दी और लोगों को करीब की मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाज़त दी। श्रीनगर की जामा मस्जिद बंद रही। हालांकि वहां तैनात एक पुलिस अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि उस पर युवाओं ने पथराव किया।

न्यूयॉर्क टाइम्स में जेफरी जेटलमैन लिखते हैं कि प्रतिबंधों के बाद भी '(कश्मीर में) विरोध प्रदर्शन हुआ। शुक्रवार को आशांति बनी रही। गोलियों की आवाज़ सुनी गईं। विदेशी पत्रकारों के बिना अनुमति कश्मीर में दाखिल होने पर रोक जारी रही।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस आलेख में कुछ तस्वीरें प्रकाशित की हैं। इन्हें लेकर जेफरी ने लिखा है ये वो पहली तस्वीरें हैं जो भारतीय फोटोग्राफरों ने ली हैं। वो संचार पर लगी पाबंदियों और मीलों तक लगे कंटीले तारों के बाद भी ये तस्वीरें कैद करने और उन्हें प्रकाशित करने के लिए काम कर रहे हैं।

जम्मू में स्थिति सामान्य, पांच दिन बाद स्कूल खुले
उधर जम्मू के स्थानीय पत्रकार मोहित कंधारी ने बताया कि पांच दिनों के बाद स्कूल खुल गए हैं। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि घाटी से भी किसी बड़ी घटना की रिपोर्ट रविवार को सामने नहीं आई है।

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन हुए।
पाकिस्तान में प्रदर्शन
रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान के कराची शहर में शुक्रवार को हज़ारों लोगों ने प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आतंकवादी बताते हुए उनका पुतला फूंका' और कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की आलोचना की।

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी विरोध प्रदर्शन हुए। साभार: बीबीसी.

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