मुंह से 'ठांय ठांय' बोलनेवाले दारोगा को मिलेगा वीरता पुरस्कार

मेरठ : चार दिन पहले उत्तर प्रदेश पुलिस का एक विडियो वायरल हुआ था। शामली जिले के इस विडियो में पुलिस की पिस्तौल खराब होने पर एसआई ने मुंह से 'ठांय ठांय' बोलकर एनकाउंटर किया था। इस विडियो पर यूपी पुलिस की खूब चुटकियां ली गई थीं। अब पुलिस विभाग ने मुंह से 'ठांय ठांय' बोलकर एनकाउंटर करने वाले इस सब इंस्पेक्टर को पुरस्कार देने का फैसला किया है। 

यूपी पुलिस का मानना है कि दरोगा मनोज ने उस समय जो किया वह बहादुरी का काम था, इसलिए उनका नाम बहादुरी पुरस्कार के लिए डीजीपी को भेजा जाएगा। एसपी यमुना प्रसाद ने कहा, 'मेरे सहयोगी एसआई मनोज कुमार ने एक हीरो का काम किया। विभाग ने इसे सकारात्मक लिया है। एसआई की पिस्तौल जाम होने के बाद उन्होंने अपने सहयोगियों का मनोबल बढ़ाने के लिए मुंह से ठांय-ठांय बोला।' 

यह है मामला : 13 अक्टूबर को असमौली थाना क्षेत्र की पुलिस रात करीब साढ़े ग्यारह बजे वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक बाइक पर सवार होकर दो लोग आए। पुलिस के मुताबिक रोकने पर दोनों बैरियर तोड़फर भागने लगे। पुलिस ने पीछा किया तो दोनों गन्ने के खेत में छिप गए। इस बीच मौके पर फोर्स बुलाकर घेराबंदी शुरू कर दी गई। 

खेत के एक तरफ से दरोगा मनोज कुमार और सिपाही बलराम ने मोर्चा संभाला। पुलिस के अनुसार सामने से फायरिंग होने पर मनोज कुमार ने रिवॉल्वर निकाला तो वह नहीं चला। इसके बाद दरोगा और सिपाही ने 'ठांय-ठांय' बोलते हुए आगे बढ़ना शुरू कर दिया। 13 सेकंड के विडियो में एसआई मनोज कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, 'मारो-मारो, घेरो-घेरो, ठांय-ठांय'। 

एसआई ने कहा नहीं हैं शर्मिंदा : वहीं एसआई मनोज कुमार ने कहा कि वह 28 साल से पुलिस विभाग में नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने उस दिन जो किया उसके लिए उन्हें कोई शर्मिंदगी नहीं है। उन्होंने कहा, 'मेरी पिस्तौल जाम हो गई थी। मैने भागकर गन्ने के खेत में छिपे बदमाशों पर दबाव बनाने के लिए ऐसा किया। मैं बदमाशों को यह एहसास दिलाना चाहता था कि वह चारों तरफ से घिर गए हैं।' 

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