झारखण्ड में विधिक सेवा केन्द्रों का लाभ 58 हजार से ज्यादा लोगों ने लिया

रांची: विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अधीन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत हकदार निर्धन व ग्रामीण व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सेवा उपलब्ध कराने के लिए विधिक सेवा संस्थान गठित किए हैं। झारखण्ड में 24 ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण निर्धन व ग्रामीण व्यक्तियों को विधिक सहाय उपलब्ध कराने के लिए हैं । झारखण्ड में विधिक सहाय और सलाह के माध्यम से अब तक 20,104 लोग और विधिक सेवा केन्द्र के माद्यम से 58,561 व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं।

केन्द्रीय विधि व न्याय और कार्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री पी. पी. चौधरी ने राज्य सभा सांसद परिमल नथवाणी को सदन में 28 दिसम्बर 2018 के रोज एक लिखित बयान में यह सूचना प्रदान की । नथवाणी जानना चाहते थे कि सरकार ने देश में, विशेषकर झारखण्ड में गरीब और ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले लोगों को कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए क्या प्रयास किए हैं।

देश में डिजीटल एवम् मोबाइल न्यायालयों से सम्बंधित प्रश्न के प्रत्युत्तर में मंत्रीजी ने बताया कि सरकार ने अपने इ-न्यायालय मिशन परियोजना के अधीन देश में 16,545 न्यायालयों को कंप्यूटरीकृत किया है जिनमें से 351 न्यायालय झारखण्ड में हैं।

मंत्री ने यह भी बताया कि गुजरात राज्य में 31 ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण हैं जिनसे विधिक सहाय और सलाह का लाभ 11,253 लोगों को मिला है । गुजरात में विधिक सेवा केन्द्रों से 6,296 लोग लाभान्वित हुए हैं । गुजरात में 1,108 ज़िला व अधीनस्थ न्यायालयों का कंप्यूटरीकरण हो गया है ।

आगे मंत्री ने सदन को न्याय विभाग के 'न्याय तक पहुंच' कार्यक्रम जैसे कि 'टेली विधि' और 'मुफ्त विधिक सेवाएं' जैसी पहल के बारेमें भी बताया । आपने कहा कि देश के 11 राज्यों की 1800 ग्राम पंचायतों में इनकी शुरुआत हो चुकी है। इन 11 राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैण्ड, सिक्कीम, त्रिपुरा, जम्मु-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और बिहार शामिल हैं ।

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