IPS अमिताभ ठाकुर को 'अनिवार्य सेवानिवृति' दी गई

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

छह साल पहले में उत्‍तर प्रदेश की समाजवादी सरकार के खिलाफ आरोप लगानेवाले आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी गई है।  2015 में यूपी Govt ने उन्‍हें निलंबित कर दिया था। ठाकुर ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर धमकाने का आरोप लगाया था। उस वक्‍त अपने बगावती तेवर के कारण अमिताभ ठाकुर मीडिया में खूब हेडलाइन्‍स बने थे। ठाकुर के अलावा दो अन्‍य IPS को भी अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को अमिताभ ठाकुर को सेवानिवृत्त होने का आदेश दिया था। आदेश की प्रति उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई थी, जहां ठाकुर वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में तैनात थे। 

1992 बैच के आईपीएस ठाकुर को जनहित में तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त करने के आदेश दिए गए हैं, जबकि उनका सेवा कार्यकाल पूरा होने में अभी समय बाकी है। गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, "जनहित में अमिताभ ठाकुर को तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त करते हुए समय से पहले सेवानिवृत्ति दी जा रही है।" बतायें कि तीन साल से अमिताभ के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर भी जांच चलायी जा रही थी। लेकिन सूत्र बताते हैं कि जांच के निष्‍कर्ष में उनपर आरोप सिद्ध नहीं पाया।

अनिवार्य सेवानिवृति पर प्रतिक्रिया देते हुए अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट किया है कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएँ नहीं चाहिये. जय हिन्द! 

बताते चलें कि 1992 बैच के आईपीएस अमिताभ ठाकुर मूलरूप से बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। वह अच्छे लेखक, कवि और आरटीआई ऐक्टिविस्ट भी हैं। अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर भी आरटीआई ऐक्टिविस्ट हैं। अमिताभ ठाकुर ने योगी सरकार में भी कई बार बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर आवाज उठाई है। 

ठाकुर के अलावा राजेश कृष्ण (सेना नायक, 10 बटालियन बाराबंकी) व  राकेश शंकर ( डीआईजी, स्थापना)  को भी अनिवार्य सेवानिवृति दी गई है। तीनों अफसर  यूपी के हैं।

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