झाबुआ: मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल में गाय गोहरी पर्व पूरी उत्साह और उमंग से मनाया गया। जगह-जगह गायों की पूजा की गई वहीं पुरातन मान्यता के मुताबिक, लोगों के ऊपर से भी गायों को निकाला गया। कहा जाता है कि यह पर्व गाय और ग्वाला के रिश्तों के इजहार का पर्व है। झाबुआ जिले में जगह-जगह गाय गोहरी पर्व मनाया गया। गोवर्धननाथ मंदिर के सामने विशेष आयोजन हुआ। इसके अलावा कई स्थानों पर गायों की पूजा की गई, वहीं पेटलावद में ग्वालाओं के उपर से गायों को गुजारा गया।
यहां एक दर्जन से ज्यादा लोग बीच सड़क पर एक स्थान पर लेट गए और सामने से कई गायों के समूह को लाया गया, गायों का यह समूह इन सड़क पर लेटे लोगों के उपर से निकल गया।
स्थानीय लोग बताते हैं कि गाय गोहरी पर्व गाय और ग्वाला के रिश्तों पर आधारित है। ये दोनों के आत्मीय रिश्तों को जाहिर करने का पर्व है। यही कारण है कि ग्वाला गायों को अपने ऊपर से गुजारते हैं। गोवर्धन पूजा के मौके पर गायों को विशेष तौर पर सजाया जाता है, उनकी पूजा-अर्चना होती है और उसके बाद इन गायों को ग्वाला अपने ऊपर से गुजारते हैं।
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