देश के शीर्षस्थ न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने उस विवादित विषय को एक बार फिर से छेड़ा है जिसको लेकर देश में आये दिन विवाद मुबाहसे चल पड़ते हैं। बात 'एक यूनिफॉर्म सिविल कोड' पर है। विगत शनिवार को गोवा में एक कार्यक्रम में शामिल बोबडे ने कहा कि ‘गोवा में वो है जिसकी संविधान के निर्माताओं ने कल्पना की थी- एक यूनिफॉर्म सिविल कोड.’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें ‘इस कोड’ के तहत काम करने का मौका मिला। बताते चलें कि बोबडे अप्रैल माह में रिटायर होने वाले हैं। बोबडे पिछले शनिवार को गोवा के पोरवोरिम में बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में थे।
बोबडे ने आगे कहा, ‘यह विवाह और उत्तराधिकार में मामलों में लागू होता है, जहां सभी गोवा निवासियों के लिए उनके अलग-अलग धर्म के बावजूद एक ही कानून है. मैंने कई शिक्षाविदों को यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बात करते हुए सुना है. मैं उन सभी बुद्धिजीवियों से अपील करूंगा कि वे यहां आएं और यह कैसे काम करता है यह समझने के लिए न्यायिक प्रशासन के बारे में जानें.’
गौरतलब है कि गोवा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। यहां देशभर की धारा से अलग विवाह, तलाक और उत्तराधिकार के कानून हिंदू, मुस्लिम और ईसाई जैसे सभी धर्मों के लिए एक समान हैं।
बताते चलें कि भाजपा यूनिफार्म सिविल कोड की मांग पर अड़ती रही है। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने वोटबैंक के कारण इस्तेमाल किया और कभी भी इस मुद्दे पर सकारात्मक चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा कि वोटबैंक की राजनीति ने देश को इतने गम्भीर विषय पर कभी चर्चा नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जबकि देश को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए।