आपदा को इवेन्ट में बदलने के लिए चर्चित हमारे प्रधानमंत्री ने गुरूवार को घोषणा की थी कि देश 11 से 14 अप्रैल तक टीका उत्सव मनायेगा। 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले और 14 अप्रैल को बाबा साहेब आंबेडकर का जन्मदिवस है। इस दौरान अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा वैक्सिनेशन करने का आव्हान किया था मोदी जी ने। साथ ही कहा कि इसके लिये टीका केंद्रों की संख्या बढ़ानी पड़ तो बढ़ायें। लेकिन आज देश में हालात इसके ठीक उलट दिखाई दे रहे हैं। महाराष्ट्र में वैक्सिन के डोज समाप्त होने के कारण दर्जनों टीका केंद्र बन करने पड़े। महाराष्ट्र सरकार केंद्र पर सौतेला व्यवहार का आरोप लगाती रही। अब इधर बिहार और आंध्र प्रदेश सहित आठ प्रदेश भी वैक्सीन का जबरदस्त अभाव झेल रहा है। आंध्र और बिहार में तो दो दिन से भी कम का स्टॉक बचा है। महाराष्ट्र में पौने चार दिन का, राजस्थान में चार दिन का, मध्यप्रदेश में साढ़े तीन दिन का, उत्तराखंड में 2।9 दिन का, उत्तर प्रदेश में 2।5 दिन का, उड़ीसा में 3।2 दिन का, आंध्र और बिहार में 1।2 दिनों का वैक्सीन स्टॉक बचा है। ऐसे में उत्सव मनायें तो किस बात पर?
इस हालात पर राहुल गांधी ने बिफरे अंदाज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी बड़ी समस्या है। ये उत्सव का समय नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि अपने देशवासियों को खतरे में डालकर क्या वैक्सीन एक्सपोर्ट करना सही है? केंद्र सरकार को राज्यों से पक्षपात किए बिना उनकी मदद करनी चाहिए। यह बातें राहुल ने ट्विट कर जारी की है।