नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार से फ्रांस की दसॉ एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के संबंध में निर्णय लेने की प्रक्रिया का ब्योरा मांगा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश के.एम. जोसेफ की पीठ ने स्पष्ट किया कि मांगी गई जानकारी जेट विमानों की कीमत या उपयुक्तता से संबंधित नहीं है।
पीठ ने कहा कि सूचना को सीलबंद कवर में पेश किया जाए और यह सुनवाई की अगली तारीख यानी 29 अक्टूबर तक अदालत में पहुंच जानी चाहिए।
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस संबंध में प्रतिवादियों को नोटिस जारी नहीं कर रहा है।
सरकार की तरफ से महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि फ्रांस के लड़ाकू विमानों की खरीद का संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा से है और याचिका को 'राजनीतिक हित याचिका' करार दिया, जो तब दाखिल किया गया है, जब सरकार और विपक्ष इस मामले में गंभीर राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं।
वेणुगोपाल ने अदालत से राफेल विमान की खरीद के संबंध में याचिका पर सुनवाई नं करने का आग्रह किया और कहा कि राफेल विमान की खरीद प्रक्रिया न्यायिक रूप से समीक्षा योग्य नहीं है।
उन्होंने कहा, "यह जनहित याचिका नहीं है, बल्कि 'राजनीतिक हित याचिका' है और यह आगामी राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम राज्य विधानसभा चुनाव से पहले पेश किया गया है।"
वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि संसद में इस संबंध में दिए गए जवाब को पीआईएल में संदर्भित किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश ने गोगोई ने कहा, "अगर हम आपको तकनीकी जानकारी छोड़कर अन्य जानकारी देने के लिए कहें तो?"
इस पर महान्यायवादी ने कहा कि यह किसी और को नहीं दिखाया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय हित और रक्षा के अन्य मामले सन्निहित हैं।
सुनवाई की अगली तारीख 29 अक्टूबर है।