रांची: झारखंड में पदस्थापित आइएएस पूजा सिंघल के बैकएन्ड नेटवर्क का दायरा काफी बड़ा है। ईडी ने मंगलवार को रांची और मुजफ्फरपुर के सात ठिकानों पर छापा मारी करते हुए यह संकेत दिया है। पूजा का करीबी विशाल चौधरी के ठिकानों से ईडी ने छापेमारी में बेहिसाब लेन-देन के साक्ष्य जुटाए हैं। झारखंड कैडर के कई आईएएस अधिकारियों से विशाल चौधरी के करीबी रिश्ते हैं। विशाल को आईएएस राजीव अरुण एक्का का करीबी माना जाता है, लेकिन उनके अलावा कई अन्य आईएएस व एक आईएफएस अधिकारी का भी विशाल के यहां आना-जाना था।
मंगलवार सुबह से रांची और बिहार के मुजफ्फरपुर में व्यवसायियों और बिल्डर्स के सात ठिकानों पर एक साथ रेड की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और चार जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों से पिछले एक पखवाड़े से चल रही पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर की जा रही है। ईडी के मुताबिक मनीलांड्रिंग के मामले में राज्य के कम से कम तीन टॉप ब्यूरोक्रेट के कनेक्शन हैं। ईडी को सूचना मिली है कि रियल इस्टेट में कई अफसरों का पैसा लगा है।
रांची की सबसे पॉश कॉलोनी अशोकनगर में विशाल चौधरी नामक व्यवसायी, भगवती कन्स्ट्रक्शन के मालिक अनिल झा, दुर्गा डेवलपर्स के मालिक दुर्गा झा और बिल्डर निशित केसरी के रांची स्थित अलग-अलग ठिकानों पर ईडी ने छापामारी में कई दस्तावेज बरामद किये हैं। इन सभी बिल्डर्स ने हाल में रांची शहर में कई बड़े प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार, ईडी को आईएएस पूजा सिंघल एवं अन्य से पूछताछ में जो जानकारियां मिली हैं, उसके मुताबिक मनीलांड्रिंग के मामले में राज्य के कम से कम तीन टॉप ब्यूरोक्रेट के कनेक्शन हैं। ईडी को सूचना मिली है कि रियल इस्टेट में कई अफसरों का पैसा लगा है।
इसके पहले बीते 6 मई से 8 मई तक झारखंड की खनन एवं उद्योग सचिव पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, उनके सीए सुमन कुमार सिंह सहित इनसे संबंधित लोगों के पांच राज्यों बिहार, झारखंड, बंगाल, राजस्थान और एनसीआर स्थित ठिकानों पर छापामारी की थी। इस दौरान 19 करोड़ रुपये नगद सहित बड़े पैमाने पर अवैध निवेश के दस्तावेज बरामद किये गये थे। इसके बाद आईएएस पूजा सिंघल को गिरफ्तार भी कर लिया गया। ईडी उन्हें रिमांड पर लेकर पिछले 13 दिनों से पूछताछ कर रही है।
विशाल ने अशोक नगर रोड नंबर 6 में किराए का घर ले रखा है। वह रियल स्टेट, कौशल विकास, स्वास्थ्य, उत्पाद विभाग से जुड़े कारोबार करता है। जानकारी के अनुसार 2012 में विशाल ने विनायका फंडामेंटल रिसर्च एंड एजुकेशन सोसायटी की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन के साथ एमओयू किया था। उसने फ्रंटलाइन प्रोमोटर्स प्रा. लि. भी रजिस्टर ऑफ कंपनीज में पत्नी श्वेता सिंह चौधरी, पिता त्रिवेणी चौधरी को निदेशक बताते हुए 25 मई 2009 को कंपनी खोली थी। कंपनी का रजिस्टर्ड पता मुजफ्फरपुर का है। विशाल के ही द्वारा व्यम इंफो सिक्योरिटी सर्विस प्रा. लि, व्याम इंफो सॉल्यूशन व अन्य कंपनियों संचालन किया जाता था। ईडी सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को छापेमारी के बाद जब्त कागजातों में करोड़ों के लेन देन के साक्ष्य मिले हैं।
मुजफ्फरपुर जिले के राहुलनगर निवासी विशाल चौधरी उर्फ विक्की के घर पर मंगलवार सुबह ईडी की तीन सदस्यीय टीम ने छापेमारी की। झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल से पूछताछ में विशाल का नाम आया है। तलाशी कर रहे ईडी के अधिकारियों ने किसी तरह का कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। प्रॉपर्टी के पेपर की प्रति लेने के लिए ईडी के अधिकारी फोटोकॉपी मशीन साथ लाए थे। सभी पेपर की स्कैन व फोटोकॉपी साथ ले गए।
मुजफ्फरपुर में आठ घंटे तक छापेमारी चली- सुबह सात बजे टीम राहुलनगर पहुंची और दोपहर 2:52 बजे विशाल के घर से निकली। राहुलनगर रोड नंबर 15 में आवास नंबर 108 विशाल के पिता त्रिवेणी का घर है। स्थानीय पुलिस के साथ टीम ने जांच की। ईडी के अधिकारियों ने प्रॉपर्टी व बैंक के कागजात खंगाले। हालांकि, छापेमारी में किस तरह की संपत्ति मिली है, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई।
रांची में ईडी टीम ने हिरासत में लेकर विशाल को कई जगहों पर सत्यापन के लिए ले गई। साढ़े 8 बजे उसे अरगोड़ा में विनायका के दफ्तर ले जाया गया। जहां घंटों तक कागजातों का सत्यापन कराया। ईडी को आशंका है कि अपने कई कंपनियों के जरिए विशाल ने भी मनी लाउंड्रिंग की है। ईडी की टीम ने कई बैंक खातों, निवेश संबंधी कागजातों की पड़ताल इस दौरान की। सरकार में सप्लायी, ठेके के पहलुओं पर भी ईडी पड़ताल कर रही है। हालांकि पूछताछ के बाद ईडी ने विशाल को छोड़ दिया।
विदेशों में तफरीह का शौकीन है विशाल
ईडी सूत्रों के मुताबिक, बीते दो साल में विशाल तुर्की, स्वीट्जरलैंड, श्रीलंका, दुबई आदि देशों में जा चुका है। वह इसी हफ्ते के आखिर में बेटे के जन्मदिन पर विदेश जाने की तैयारी में था। नोएडा व नैनिताल में होटल खरीदने की भी चर्चा है। वहीं, मुजफ्फरपुर में उसने पिता के लिए फर्नीचर का बड़ा शोरूम खोला है।
विशाल ने कोविड के दौरान मेडिकल किट की सप्लाई कर करोड़ों की कमायी की है। छापेमारी के बाद जब्त कागजातों में करोड़ों के लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं। कई नौकरशाहों के पैसों के निवेश के पहलू पर ईडी ने साक्ष्य जुटाया है।