केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उन्हें सरकार की तरफ से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के लिये जल्द ही वित्तीय पैकेज घोषित किये जाने की उम्मीद है। एमएसएमई क्षेत्र का देश की आर्थिक वृद्धि में 29 प्रतिशत और निर्यात में 48 प्रतिशत का योगदान है। यह क्षेत्र रोजगार पैदा करने के मामले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बहरहाल क्षेत्र बहुत बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है। कोरोना वायरस बीमारी की वजह से लाखों इकाइयां घाटे में चल रही हैं और ऐसे समय जब वह अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही हैं रोजगार की संभावनायें भी धूमिल हो रही हैं।
एमएसएमई मंत्री ने कहा, ''सरकार में इस स्थिति को लेकर पूरी गंभीरता से विचार किया जा रहा है और हम अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम सभी संबंद्ध पक्षों से बातचीत कर रहे हैं और विभिन्न विभागों के बीच एक दूसरे से भी विचार विमर्श किया जा रहा है। हम एमएसएमई क्षेत्र के लिये एक बेहतर पैकेज पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस क्षेत्र में समस्या काफी गंभीर है और हम ऐसे में उनका समर्थन कर रहे हैं।
गडकरी ने एक टीवी समाचार चैनल से कहा, ''मुझे उम्मीद है कि जितना जल्दी संभव हो सकेगा सरकार की तरफ से पैकेज घोषित किया जाएगा।'' उन्होंने इसके अलावा यह भी कहा कि राज्य सरकारों और विदेशी कंपनियां जो कि भारत में निवेश करने की इच्छा रखती हैं उनके साथ बेहतर समन्वय के लिए एक विशेष संयुक्त सचिव की नियुक्ति की गई है। गडकरी ने कहा कि विदेशी कंपनियों को देश में बेहतर सम्मान और सुविधाओं के साथ ही सभी तरह की मंजूरियां तीन माह के भीतर दे दी जाएंगी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते देशभर में पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों के बीच इससे प्रभावित उद्योगों को दूसरा राहत पैकेज देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई अहम मंत्रियों और आर्थिक मंत्रालयों के साथ बैठक की। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शाह और सीतारमण के साथ विचार विमर्श किया। वह इसके बाद सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) जैसे अन्य प्रमुख आर्थिक मंत्रालयों के मंत्रियों के साथ भी संबंधित मुद्दों पर बैठकें कीं।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन, श्रम और शक्ति सहित विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठकें की थीं। उन्होंने गुरुवार को वाणिज्य और एमएसएमई मंत्रालयों के साथ घरेलू व विदेशी निवेश आकर्षित करने तथा देश में छोटे व्यवसायों के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया था।
इन बैठकों के दौरान मोदी के साथ गृह मंत्री और वित्त मंत्री- दोनों उपस्थित थे। सरकार ने हाशिये पर स्थित लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिये मार्च के अंत में गरीब महिलाओं और बुजुर्गों के लिये 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। सूत्रों ने कहा कि सरकार जल्द ही प्रभावित उद्योगों के लिये दूसरे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है।