बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के सभी क्षेत्रों में लोग बुधवार को शारदीय नवरात्र शुरू होने के साथ ही मां दुर्गा की आराधना में डूब गए हैं। नवरात्र के अनुष्ठान को लेकर पूजा सामग्री से बाजार पटे पड़े हैं। मुहल्लों से लेकर शहरों की गलियों तक में कई अस्थाई दुकानें खुल गई हैं।
नवरात्र के पहले दिन यानी बुधवार को सुबह से ही घरों, मंदिरों और पूजा पंडालों में कलश स्थापना की गई। कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा की आराधना प्रारंभ हो गई। कलश स्थापना को लेकर गंगा के घाटों पर गंगा जल के लिए श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ गई।
नवरात्र में मां दुर्गा की अराधना को लेकर पटना की बड़ी पटन देवी, छोटी पटन देवी, शीतला मंदिर सहित तमाम देवी मंदिरों की विशेष सजावट और खास व्यवस्था की गई है। पूजा पंडालों में भारी भीड़ जुटने के मद्देनजर भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं।
इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ है। घरों से लेकर पूजा पंडालों तक 'या देवी सर्वभूतेषु' की प्रार्थना से गूंज रहे हैं।
नवरात्र के पहले दिन पटना के पटन देवी, शीतला मंदिर, नवादा के मां चामुंडा मंदिर, गोपालगंज के थावे भवानी मंदिर, गया के मंगला गौरी मंदिर सहित तमाम मंदिरों पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है।
ज्योतिषाचार्य प्रबोध के अनुसार, नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा-उपासना से लोगों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कलश खुशहाली और समृद्घि के साथ धन-वैभव का भी प्रतीक है। नवरात्र के पहले दिन लोग कलश स्थापना करते हैं। कलश स्थापना के साथ ही देवी दुर्गा के नौ रूपों की की पूजा आने वाले नौ दिनों तक की जाएगी।
उन्होंने बताया कि गुरुवार से शुरू शारदीय नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के बाद दिनभर मां शैलपुत्री की आराधना होगी। 19 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ दशहरे का समापन होगा।
पटना के कदमकुआं स्थित नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में शाम को 10 दिनों तक रामलीला का आयोजन किया गया है।