पूर्व सांसद व सेंगेल अभियान के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आखिर पुलिस अफसर रूपा तिर्की के मामले में हेमंत सरकार का जन विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। सारे प्रपंचों को दरकिनार कर मान्य झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सीबीआई जांच का आदेश देकर झारखंड सरकार के मुंह में एक जोरदार थप्पड़ मारा है। न्याय की प्रक्रिया को जीवित रखा है। इस जीत के लिए रूपा के माता-पिता, सभी सहयोगी, जन संगठनों और वरिष्ठ वकील राजीव कुमार तथा पत्रकार तीर्थ नाथ आकाश के साथ सभी संघर्षशील जनता बधाई के पात्र हैं। सेंगेल ने कल 31.8.21 को भी 5 प्रदेशों में हेमंत सरकार का पुतला जलाकर सात मांगों के साथ रामेश्वर मुर्मू और रूपा तिर्की के संदिग्ध मौतों पर सीबीआई जांच की मांग किया था। ज्ञातव्य हो कि झारखंड सरकार ने सेंगेल के लंबे संघर्ष और दबाव के बाद महान शहीद सिदो मुर्मू के छठवीं पीढ़ी रामेश्वर मुर्मू के संदिग्ध मौत (12.6.2020) पर 26.9.2020 को सीबीआई जांच की घोषणा किया था। मगर अब तक यह मामला लंबित है। अतएव सेंगेल की मांग है दोनों के संदिग्ध मौतों की सीबीआई जांच एक साथ हो। दोनों मामले साहिबगंज जिला पुलिस- प्रशासन और ठेकेदारी- सफेदपोश आदि के गठजोड़ से जुड़ा हो सकता है।
उपरोक्त दोनों मामलों पर हेमंत सरकार ने आदिवासी जनभावना और झारखंडी जनमानस को घोर निराश किया है। हेमंत सरकार आदिवासी विरोधी प्रमाणित हो चली है। सरना धर्म के मामले पर लटकाने- भटकाने का काम किया है। बिना राजपाल के अनुशंसा के प्रस्ताव सीधे केंद्र को भेज दिया। 23.3.2021 को सीएनटी एसपीटी को तोड़कर लैंड पूल बिल पास किया। टीएसी के लिये जारी 4.6.21 का नोटिफिकेशन संविधान की धारा 244 (1), 4(3) का घोर उल्लंघन और राजपाल के अधिकारों को हड़प कर आदिवासी विरोधी होने का प्रमाण देता है। केंद्र और तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की अनुशंसा के बावजूद संताली भाषा को झारखंड की प्रथम राजभाषा (अनुच्छेद 345)अब तक नहीं बनाया। झारखंडी डोमिसाइल नीति नहीं बनाया। अभी बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की तर्ज पर देवघर में सिदो मुर्मू एयरपोर्ट की जगह केवल वोट के लिए बाबा बैजनाथ एयरपोर्ट का अनुशंसा कर दिया है। हेमंत सरकार के आदिवासी बिरोधी क्रियाकलापों के खिलाफ जल्द ही राज्यपाल, झारखंड को ज्ञापन सौंपा जाएगा।