‘आरएसएस का सर्वेक्षण : म.प्र. में कांग्रेस 142 सीटों पर मजबूत, भाजपा 68 सीटों पर सिमट सकती है’

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के लेटरहेड पर टाइप हुए इस पत्र के ऊपरी दाहिने हिस्‍से पर 'अतिगोपनीय' भी अंकित है।

दिल्‍ली: राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ का मानना है कि नरेन्‍द्र मोदी और अमित शाह द्वारा मध्‍यप्रदेश में की जा रही चुनावी सभाएं वहां के मतदाताओं पर विपरीत असर डाल रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो भाजपा को कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे आरएसएस के इस मजमून वाले ‘अतिगोपनीय’ पत्र में बताया गया है कि मध्‍यप्रदेश में संघ के एक सर्वेक्षण का नतीजा बता रहा है कि कांग्रेस वहां 142 सीटों पर बहुत मजबूत स्थिति में है जबकि भाजपा को मात्र 68 सीटों पर ही जीत मिलती नजर आती है। मध्‍यप्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष को लिखे गए इस पत्र में ‘सर्वे एवं जनमत’ के दल-प्रमुख प्रमोद नामदेव का हस्‍ताक्षर भी है। हालांकि, न्‍यूज मेल  इस पत्र की वास्‍तविकता की पुष्टि नहीं करता है।

पत्र में कहा गया है :-

‘म.प्र. विधानसभा चुनाव 2018 के लिए संघ द्वारा त्रिस्‍तरीय गोपनीय सर्वे दिनांक 15 नवंबर 2018 से 21 नवंबर 2018 के मध्‍य संचालित किया गया जिसमें विभिन्‍न प्रचारकों एवं मंडल स्‍तर से प्राप्‍त आंकड़ों का संकलन कर रिपोर्ट तैयार की गयी है।

उज्‍जैन संभाग में भाजपा की स्थिति अचानक खराब हुयी है, वहीं इंदौर, ग्‍वालियर, रीवा एवं मध्‍य क्षेत्र में टिकट वितरण की गलतियों का खामियाजा बड़े पैमाने पर नजर आ रहा है।

शिवराज सिंह जी चौहान के खिलाफ आक्रोश पहले की तुलना में काफी अधिक हो चुका है जो अब उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता के विरोध के तौर पर साफ नजर आ रहा है।

नरेन्‍द्र भाई मोदी और अमित भाई की सभाओं का भी जनता पर विपरीत असर पड़ता दिखाई दे रहा है, ऐसे में संघ द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विभिन्‍न कार्यक्रमों का भी भाजपा को कोई लाभ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। भाजपा से निष्‍कासित एवं असंतुष्‍ट कार्यकर्त्‍ताओं द्वारा भी पार्टी के प्रत्‍याशियों को कई सीटों पर सीधे-सीधे नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

हमारे ताजा सर्वे के मुताबिक कांग्रेस 142 सीटों पर काफी मजबूत स्थिति में है, वहीं भाजपा को केवल 68 सीटों पर ही जीत मिलती नजर आ रही है। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेता भी भाजपा को सीधा समर्थन करने से बच रहे हैं जिससे भी भाजपा के विजय की संभावना दिनों दिन क्षीण होती जा रही है।‘

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के लेटरहेड पर टाइप हुए इस पत्र के ऊपरी दाहिने हिस्‍से पर 'अतिगोपनीय' भी अंकित है।

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