मोदी बांग्लादेश पहुंच गये हैं। अपने साथ इस पड़ोसी के लिए 10 लाख से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की खेप भी ले गए हैं। भारत की वैकसीन डिप्लोमेसी में बांग्लादेश टॉप पर रहा है। सबसे ज्यादा डोज बांग्लादेश को ही दी गई है। मोदी की प्रधानमंत्री ने मोदी का एयरपोर्ट पर स्वागत भी किया। लेकिन बांग्लादेश का एक तबका अब भी मोदी से नाराज लगता है। वे लोग सड़क पर उतरकर मोदी का विरोध कर रहे हैं।
खबर है कि ढ़ाका विश्वविद्यालय के करीब 200 छात्र सड़कों पर मोदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने रोकने का प्रयास भी किया। इसमें 20 लोग घायल हो गये हैं। चार दर्जन को हिरासत में भी लिया गया है।
प्रदर्शनकारी पीएम मोदी पर धार्मिक तनाव भड़काने और मुख्यमंत्री रहने के दौरान 2002 में गुजरात की हिंसा को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहे हैं। प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एलायंस (PSA) के बैनर तले वामपंथी छात्र संगठन पीएम मोदी के दौरे के विरोध में विवि परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे। इसके अलावा शहर के मोती झील इलाके में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जुबो ओधिकार परिषद के कार्यकर्ता भी पुलिस के साथ भिड़ गए। बताते चलें कि मोदी की इस यात्रा के दौरान बांग्लादेश के हित में आधे दर्जन एमओयु साइन किये जाएंगे।
बांग्लादेश के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन शेख मुजीबुर रहमान को मरणोपरांत गांधी शांति पुरस्कार दिया है। यह पुरस्कार मुजीबुररहमान की बेटी और वहां की पीएम शेख हसीना से ग्रहण किया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी का आंदोलन मेरी जिंदगी का पहला मूवमेंट था। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में चले आंदोलन के दौरान मैंने भी गिरफ्तारी दी थी। बहरहाल..
कुछ लोग मोदी की इस बांगलादेश यात्रा को बंगाल चुनाव से जोड़कर भी देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि फिजां जब बंगाल चुनाव का है तो मोदी वहां से सटे बांग्लादेश में भी कुछ न कुछ कर गुजरेंगे जिसका लाभ बंगाल में भाजपा को मिल सकता है। इस तर्क के साथ मोदी के बांग्लादेश शिड्युल का भी हवाला दिया जा रहा है। यूं तो बांगलादेश इस वर्ष अपनी आजादी की 50वीं साल गिरह मना रहा है, मुजीबुरर्हमान का जन्मदिन भी है। लेकिन अपनी यात्रा के दौरान मोदी वहां के 'ओराकन्डी' स्थित 'मतुआ' समुदाय के मंदिर में भी जाएंगे। कहते हैं मतुआ समुदाय का प. बंगाल के लगभग 70 सीटों पर प्रभाव है। 27 मार्च को मोदी मतुआ समुदाय के धर्मगुरू हरि चंद ठाकुर की जन्मस्थली व समुदाय के तीर्थ स्थल ओराकंडी जाएंगे। अटकलें तो यहां तक है कि मोदी मतुआ समुदाय की नागरिकता को लेकर कुछ महत्वपूर्ण घोषणा भी कर सकते हैं।