"मुझे पता है कि लाल किले को हमेशा पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ रखा जाता है, खासकर 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे दिनों में। एक सेवा अधिकारी के रूप में मैंने लाल किला में कई कार्यक्रमों में भाग लिया है और इसलिए मुझे भी पता है कि यह किसी भी तरह संभव नहीं है कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति या समूह किला के प्राचीर के ठीक नीचे की जगह पर आसानी से चढ़ जाए। वहां तक पहुंच पाने के लिए कई अवरोध और दरवाजे हैं। इन फाटकों को सामान्य रूप से बंद रखा जाता है। लेकिन इस वर्ष 26 जनवरी को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्मारक की सुरक्षा के लिए सुरक्षा इंतजाम कहाँ थे? सेना की बटालियन जो आम तौर पर किले के अंदर रखी जाती है, कहां गायब हो गई थी? स्पष्ट रूप से यह एक भारी सुरक्षा चूक थी और सुरक्षा के इस गंभीर उल्लंघन के कारणों को स्थापित करने के लिए तत्काल एक गहन जांच की आवश्यकता है।" यह पैराग्राम, पूर्व ऐडमिरल एल रामदास द्वारा राष्ट्रपति को लिखे गए एक पत्र का अंश है। पढि़ये पूरा पत्र अंग्रेेेेजी में: