जनजातीय बहुल प्रदेश की आदिवासी सीट खूंटी से सांसद बने पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा को मोदी सरकार की दूसरी पारी में जनजातीय मंत्रालय दिया गया है। यहां से राज्यसभा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक मंत्रालय का प्रभार मिला है।
2014 के विधानसभा चुनाव में खरसावां सीट से अप्रत्याशित रूप से चुनाव हारने के बाद अर्जुन मुंडा को करीब साढ़े चार साल का राजनीतिक वनवास झेलना पड़ा, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका सितारा फिर से चमका है। खूंटी संसदीय सीट से 23 मई को मतगणना के कई राउंड में पिछड़ने के बाद अंत में 1445 वोट से चुनाव जीतने में सफल रहे अर्जुन मुंडा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा जताया व उन्हें अपनी टीम में शामिल किया है। पिछले कुछ वर्षां में राज्य सरकार द्वारा सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की कोशिश, स्थानीयता नीति, विस्थापन, भूमि अधिग्रहण समेत कई मुद्दों पर आदिवासी और मूलवासी समाज में नाराजगी उत्पन्न हुई थी, भाजपा नेतृत्व की ओर से उस नाराजगी को दूर करने की हरसंभव कोशिश की गयी है। इसके बावजूद जनजातीय समाज का एक तबका अब भी भाजपा से नाराज है, यही कारण है कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सिंहभूम और राजमहल सीट पर भाजपा की हार हुई, वहीं लोहरदगा व खूंटी सहित दुमका जैसे जनजातीय बाहुल्य इलाके में भी भाजपा की जीत का अंतर काफी कम रहा है। ऐसे में पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि जनजातीय क्षेत्रों में अर्जुन मुंडा काफी हद तक लोगों को समझाने में सफल हो सकते हैं।