गिरिडीह: चार साल की मासूस बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या के मामले में गिरिडीह के पोक्सो के विशेष अदालत के न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने दुष्कर्म के मुख्य आरोपी रामचन्द्र ठाकुर को फांसी की सजा सुनाई है, वहीं उसके पिता मधु ठाकुर को न्यायाधीश श्री गुप्ता ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रामबाबू के कोर्ट ने शनिवार को दोनों आरोपियों को वीडियो क्रांफेसिंग के माध्यम से सजा सुनाई। हालांकि दुष्कर्म के मुख्य आरोपी को फांसी की तिथि मुकर्रर नहीं की गई है। इधर सजा को लेकर रामबाबू के कोर्ट में काफी संख्या में अधिवक्ताओं की भीड़ मौजूद थी। दोनों आरोपियों को सजा सुनाने को लेकर अधिवक्ताओं में काफी उत्सुकता भी देखी गई।
शनिवार को सजा सुनाने से पहले कोर्ट में सरकारी वकील अजय साहू के अलावे बचाव पक्ष के अधिवक्ता भी मौजूद थे। दोनों आरोपियों को करीब बीस मिनट के अदालती प्रकिया में सजा सुनाया गया। जानकारी के अनुसार चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद गला दबाकर किए गए हत्या के दोनों आरोपी उसके पड़ौसी ही है। वैसे जिलें के परसन ओपी से जुड़े मामले में एक साल बाद ही दोनों आरोपियों को सजा होने के बाद गांव में भी चर्चा का विषय बना रहा।पिछले साल 26 मार्च को पड़ोसी रामचन्द्र ठाकुर ने बच्ची के साथ किया था दुष्कर्म जानकारी के अनुसार जिलें के धनवार थाना के परसन ओपी क्षेत्र के गांव में 26 मार्च की शाम छह बजे से गायब थी। इस दौरान परसन ओपी की पुलिस ने जब दुष्कर्म के मेन आरोपी रामचन्द्र ठाकुर को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, तो पहले आरोपी ने कुछ नहीं बताया। इसके बाद रामचन्द्र ठाकुर के पिता को मधु ठाकुर को परसन पुलिस ने पंलौजिया से दबोचा। दोनों को खोरीमहुआ एसडीपीओ के समीप ले जाया गया। जहां सख्ती से हुए पूछताछ के बाद दोनों आरोपी बाप-बेटे टूटे और सारा जुर्म कबूल कर लिया। पूछताछ के बाद आरोपी के निशानदेही पर परसन पुलिस ने बच्ची के शव को गांव से करीब चार सौ मीटर की दूरी पर इरगा नदी के समीप गेंहु के खेत से बरामद किया था। पिडित्ता दो बड़ी बहनों के साथ बाजार से वापस घर लोट रही थी
बच्ची के पिता ने पुलिस को बताया था, कि उनकी चार वर्षीय बच्ची अपनी दो बड़ी बहनों के साथ घर से कुछ दूर पूजा का मीट लाने गई हुई थी। मीट लेकर घर लौटने के क्रम में उनके दोनों बेटियों से पड़ौसी रामचन्द्र ठाकुर ने कहा कि वह दोनों घर जाएं, वह चार वर्षीय बच्ची को घर छोड़ देगें। इस बीच काफी देर होने के बाद जब बच्ची नहीं लौटी, तो उसके माता-पिता ने बच्ची को तलाशना शुरु किया। दुसरे दिन बच्ची के पिता रामचन्द्र ठाकुर द्वारा बच्ची को ले जाने की शिकायत परसन ओपी पुलिस से किया। पुलिस ने पहले मेन आरोपी फिर उसके पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ किया। पूछताछ के दौरान रामचन्द्र ठाकुर ने बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने की बात स्वीकार किया। वहीं हत्या में उसके पिता मधु ठाकुर ने भी सहयोग किया था।
बच्ची के शव देखकर कांप उठे थे पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक
एक साल पहले हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में तत्कालीन सिविल सर्जन डा. राम रेखा सिंह के पहल पर मृत बच्ची के शव का पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों की टीम गठित की गई। जिसमें पाया गया कि दुष्कर्म और हत्या मेन आरोपी रामचन्द्र ठाकुर ने ही किया था। इस दौरान आरोपी रामचन्द्र का स्पर्म भी जांच के लिए लिया गया था। इधर पोस्टमार्टम में तैनात चिकित्सकों ने जब बच्ची का शव देखा तो चिकित्सक भी कांप उठे थे। घटना के बाद पूरे इलाके में स्थानीय लोगों ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।