सड़क हादसे में अपना एक हाथ गंवाचूके मुरली दास को अस्पताल प्रवंधन ने जब यह बताया कि अस्पताल का बिल 60 हजार चूकता करने के बाद ही उसे छुट्टी मीलेगी तो गरीब मुरलीदास मनहीमन में यह सोचने लगा कि क्यो भगवान ने उसे बचाया इससे तो अच्छा होता कि उसकी मौत ही होजाती। लेकिन ईश्वर को यह मंजूर नही था । ईश्वर ने न सिर्फ असहाय गरीब की जान बचायी बल्के अस्पताल से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त कर किया। भाकपा माले के नेता राजेश यादव को जब यह पता चला कि पैसो के अभाव में एक गरीब इलाजरत मजदूर धनवाद के एक निजी अस्पताल में कई दिनो से पड़ा हैा माले नेता ने इस दिशा में आगे आकर उपायुक्त र्गिरडीह को पूरे मामले की जानकारी से अवगत कराया ।डीसी राजेश कमार पाठक ने भी बगैर देर किये सीएस गिरिडीह को निर्देश दिया कि अस्पताल प्रवंधन से साकारात्मक पहल कर गरीब को छुट्टी दिलाने का काम करे।सीएस ने तुरन्त जेपी अस्पताल धनबाद प्रवंधन को कहा कि मानवीय दष्टिकोण के तहत यथासंभव मदद करने का आग्रह किया। और फिर अस्पताल प्रवंधन ने इलाज की बिल में सहद्रयता दिखाते हुए तकरीबन 5० हजार माफ कर दिये। गरीब मुरलीत्रास O 4 जून को अपने गॉव गिरिडीह आगया । गौरतलव है कि विगत 20 मई को गिरिडीह जिले के गाण्डेय प्ररवंड के मुरली दास सड़क हादसे की चपेट में आगया था ।आनन फानन में परिजनो ने धनवाद के जेपी अस्पताल में भर्ती कराया। और काफी मशक्त के बाद 15 हजार अस्पताल में जमा किये। इलाज के दौरान उसका दाहिना हाथ काटना पडा । 27 र्म३ को अस्पताल से कहा गया कि उसके इलाज का बिल साठ हजार हुआ हो जिसे चुक्ता करने के बाद छुट्टी मीलेगी।यह सुनकर इलाजरत गरीब बैचेन होगया था।लेकिन उपर वाले असहाय का सारा मार्ग आसान कर दिये।