गुमला: नीति आयोग की निर्देश पर जिला में मानव विकास व विकास के पाँच मानकों के आधार पर कार्य करते हुए जिला को विकसित जिलों की श्रेणी में लाने के लिए उपलब्ध संसाधनों का आक्कलन कर जन भागीदारी एवं स्टेक होल्डर की मदद् से जिला को पिछड़े जिलों की श्रेणी से विकसित जिलों की श्रेणी में लाने के लिए वर्ष 2022 की कार्ययोजना क्रियान्यवन हेतु आकांक्षी जिला योजना की समीक्षा की गई।
विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक उपायुक्त शशि रंजन एवं भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय में संयुक्त निदेशक शाहजहाँ एम, एनएसडीसी पदाधिकारी आरसी मंडल की संयुक्त अध्यक्षता में आकांक्षी जिला योजना की चुनौतियाँ एवं विशेषकर मानव संसाधन से संबंधित कार्य योजना पर विशेष चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा, प्रशिक्षण संस्थाओं सहित सभी स्कूल काॅलेजों में उपलब्ध सुविधाओं, कमियों से संबंधित फीडबैक के साथ सुझाव भरकर जिला योजना पदाधिकारी को समर्पित करने का निर्देश दिए। भारत सरकार के प्रतिनिधि की ओर से यह सुझाव दिया गया कि स्कूलों काॅलेजों, प्रशिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के कैरियर मार्गदर्शन हेतु नियोजन कार्यालय से काउंसलिंग सेल बनाकर लगातार अभियान शुरू करें। उन्होंने कहा, छात्रों को बाजारोन्मुख पाठ्यक्रमों के प्रति जागरूकता लाए। सदर अस्पताल परिसर स्थित नये नर्सिंग काॅलेज में एक्सरे, डेंटल, लैब टेक्निशियन का कोर्स प्रारंभ करने में अपने मंत्रालय से मदद् करने का भरोसा दिलाया। समीक्षा के क्रम में प्रशिक्षण संस्थानों को प्रशिक्षण के बजाएँ बच्चों का प्लेसमेंट पर फोकस करने अथवा स्वरोजगार की व्यवस्था कराने का निर्देश दिया।
बैठक में उपरोक्त पदाधिकारी के अलावे उप विकास आयुक्त नागेन्द्र कुमार सिन्हा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला नियोजन पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, प्राचार्य आईटीआई सिलम एवं घाघरा, प्राचार्य कार्तिक उराँव काॅलेज, निदेशक आरसेटी, परियोजना पदाधिकारी डीआरडीए, डीपीएम जेएसएलपीएस, एडीएफ गुमला, चेम्बर्स आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष व सचिव, प्राचार्य कल्याण गुरूकुल, प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र विकास भारती विशुनपुर व अन्य मौजूद थे।