प. महाराष्ट्र में बंजर जमीन वाले किसानों की चांदी हो रही है। फार्मर्स फॉर फॉरेस्ट नाम की संस्था एक अनोखे स्कीम के जरिये उन बंजर इलाकों में हरियाली लाने की योजना पर काम कर रही है। इस संस्था का उद्देश्य है बेकार पड़ी जमीनों को जंगल में बदलना। संस्था वैसे किसानों का चयन करती है जिनकी जमीन बंजर बेकार पड़ी है। उन जमीनों को लीज पर लेकर उन्हें हरे भरे जंगल में तब्दील किये जाने की योजना है। एक उदाहरण देखिये, एक स्थानीय किसान से संस्था ने दो एकड़ बंजर जमीन ली उसपर स्थानीय पौधे लगा दिये। अब उस किसान को हर तिमाही 9 हजार रूपये उस संस्था द्वारा मिल रहा है जो अगले पांच साल तक जारी रहेंगा। संस्था ने अपने पांच साल के पायलट प्रोजेक्ट पर अबतक 20 हजार पौधे उगा दिये हैं। इस संस्था को भारतीय अमीरों और दानदाताओं से भी आर्थिक सहयोग मिल रहा है। संस्था इस योजना के क्रियांवयन में जीपीएस टैग एवं उपग्रह से ली गई तस्वीरों को पौधें की सेहते जांचने में उपयोग कर रही है। संस्था ने किसानों से कांट्रैक्ट किया है कि पांच साल के बाद उग आये जंगल की संपदा किसानों की होगी, जैसे वहां के कंदमूल, लकडि़यां आदि।
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