माले नेता और प्रशासन की पहल काम आयी अस्पताल प्रवधंन ने भी दिखायी सहृदयता
सड़क हादसे में अपना एक हाथ गंवाचूके मुरली दास को अस्पताल प्रवंधन ने जब यह बताया कि अस्पताल का बिल 60 हजार चूकता करने के बाद ही उसे छुट्टी मीलेगी तो गरीब मुरलीदास मनहीमन में यह सोचने लगा कि क्यो भगवान ने उसे बचाया इससे तो अच्छा होता कि उसकी मौत ही होजाती। लेकिन ईश्वर को यह मंजूर नही था । ईश्वर ने न सिर्फ असहाय गरीब की जान बचायी बल्के अस्पताल से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त कर किया। भाकपा माले के नेता राजेश यादव को जब यह पता चला कि पैसो के अभाव में एक गरीब इलाजरत मजदूर धनवाद के एक निजी अस्पताल में कई दिनो से पड़ा हैा माले नेता ने इस दिशा में आगे आकर उपायुक्त र्गिरडीह को पूरे मामले की