गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 महीने की बच्ची से कथित तौर पर रेप के बाद वहां गैर गुजरातियों के खिलाफ हिंसा का माहौल बन गया है। घटना के बाद से वहां बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। अब बाहरी लोगों में डर इतना बैठ गया है कि वो गुजरात छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर गैर गुजरातियों, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैलाए जाने के बाद ये हमले हुए। ऐसे में इलाके में रह रहे गैर गुजरातियों को मॉब लिचिंग का डर है। लिहाजा जान बचाने के लिए वो गुजरात छोड़ने को मजबूर हैं।
गुजरात के कई इलाकों में यूपी-बिहार के नागरिकों के साथ हुई मारपीट की घटना पर रविवार को गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक 342 लोगों को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही जिन इलाकों से मारपीट की खबरें ज्यादा आ रही हैं, उन इलाकों में पुलिस ने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है।
वहीं, डीजीपी शिवानंद झा के मुताबिक, गैर गुजरातियों।खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों पर हमले पिछले एक हफ्ते में गांधीनगर, मेहसाना, साबरकांठा, पाटन और अहमदाबाद जिलों में हुए हैं। इन घटनाओं के संबंध में शनिवार देर शाम तक 180 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि, राज्य के कई हिस्सों से उत्तर भारतीयों के पलायन का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि लोग त्योहारों के कारण घर जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगर लोग त्योहारों के कारण घर जा रहे हैं तो इसे गलत तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए। मैंने अपने अधिकारियों को रिहायशी इलाकों के दौरे के लिए कहा है। ज़रूरत पड़ी तो बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर भी जाकर पूछताछ की जाएगी।"
डीजीपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर गैर गुजरातियों, खास कर बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैलाए जाने के बाद ये हमले हुए। वहीं, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर गैर।गुजराती लोगों के खिलाफ नफरत वाले संदेश फैलाने में संदिग्ध रूप से शामिल लोगों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है।
डीजीपी ने कहा कि हमने कारखानों और सोसाइटी (हाउसिंग) में निगरानी बढ़ा दी है। हम सोशल मीडिया संदेशों पर भी सख्त नजर रख रहे हैं। गैर गुजरातियों पर हमले के बाद से राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक 23 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
कांग्रेस विधायक ठाकोर ने दी सफाई : इस हिंसा के पीछे ठाकुर समुदाय का नाम लिया जा रहा है। इस बारे में कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकुर ने सफाई देते हुए कहा कि हिंसा की घटनाओं में ठाकुर समुदाय का कोई हाथ नहीं है। न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए ठाकोर ने कहा, 'उत्तर गुजरात में गैर गुजरातियों पर बदमाशों द्वारा जो हमले हो रहे हैं, उनमें ठाकोर। क्षत्रिय सेना के कार्यकर्ता शामिल नहीं है। हमारे कार्यकर्ताओं को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। बलात्कार के मामले में राजनीति हो रही है।'
एफआईआर में ठाकोर सेना के सदस्यों के नाम : अहमदबाद समेत राज्य के सात जिलों में गैर गुजरातियों पर हुए हमले की घटनाओं में दर्ज 50 एफआईआर में 500 से ज्यादा ठाकोर सेना के सदस्यों के नाम दर्ज हैं, जिसमें 13 पर राजद्रोह का केस लगाया गया है। हालांकि, ठाकोर ने स्पष्ट किया कि हम गैर गुजरातियों का विरोध नहीं कर रहे। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही राजनीति कर उन्हें यहां से भगा रही है। उन्होंने उत्तर गुजरात में गैर गुजरातियों को टारगेट न करने की अपील की है।
अल्पेश ठाकोर ने निर्दोष ठाकोर समुदाय के लोगों पर हुए पुलिस केस वापिस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिसका इस घटना से कोई ताल्लुक ही नहीं, उसका नाम एफआईआर में कैसे हो सकता है? यह ठाकोर सेना के कार्यकर्ताओं को बदनाम करने की साजिश है।
इससे पहले अल्पेश ने कहा था, 'हमारा टारगेट राज्य सरकार और कंपनियां हैं, कोई व्यक्ति विशेष और समुदाय नहीं। 80% स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्तो का उल्लंघन कंपनिया कर रही हैं। इस शर्त का ठीक से पालन कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।'