इंदौर: भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने निगम अफसर से मारपीट करने वाले भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत मिल गई है। कोर्ट ने 20-20 हजार के दो मुचलकों पर आकाश को जमानत दी। कोर्ट ने निगम अफसर से मारपीट करने के अलावा बिना इजाजत विरोध प्रदर्शन करने के मामले में भी जमानत दी है।
इससे पहले विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने शनिवार सुबह दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। ऐसी जानकारी भी सामने आई थी कि केस डायरी में पुलिस ने भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ दो धाराएं और बढ़ा दी थीं। जिसमें शसकीय कर्मचारी को पीटने के अलावा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा शामिल है।
भोपाल की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई तो पूरी कर ली थी, लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया था। बाद में आकाश को दोनों मामलों में जमानत दे दी गई। उन्होंने बिना इजाजत राजवाड़ा पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कमलनाथ का पुतला जलाया था। अदालत ने निगम अफसर से मारपीट और पुतला जलाने वाले दोनों मामलों में जमानत दी है। यदि कोर्ट का आदेश शाम तक जेल पहुंचता है तो आकाश की रिहाई देर शाम तक हो सकती है।
जिला अदालत में आकाश विजयवर्गीय की जमानत पर सुनवाई के दौरान कांग्रेस और शिव सेना से जुड़े वकील भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आकाश विजयवर्गीय एक जनप्रतिनिधि है, जो कानून बनाता है अगर ये लोग ही कानून तोड़ेंगे तो जनता के बीच इसका खराब संदेश जाएगा। वहीं सरकारी वकील ने भी जमानत का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत ना दी जाए। भाजपा विधायक के वकील ने अपने पक्ष में तर्क दिया कि कानून के लिए जनप्रतिनिधि और सामान्य नागरिक सभी एक बराबर हैं। हमारे खिलाफ जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है वे सभी जमानती हैं। इसलिए जमानत दे दी जाए। दोनों पक्षों के तर्क सुनकर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
इस मामले में शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में बहस नहीं हो सकी थी। कोर्ट खुलते ही जमानत आवेदन तो पेश हो गया था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जब तक केस डायरी नहीं आ जाती बहस नहीं सुनी जा सकती। इसके बाद कोर्ट ने इंदौर पुलिस से शनिवार सुबह 11 बजे तक केस डायरी भेजने को कहा था।