बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह एक बार फिर से विचार करे कि घर-घर जाकर कोविड 19 का टीका लगाना क्यों संभव नहीं है। बुजूर्गों व अक्षमता पीडि़त लोगों की दशा पर ध्यान दिलानेवाली एक याचिका पर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने इस निर्देश के साथ कहा कि 'सरकार बुजुर्ग लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकती है।' दरअसल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को अदालत को सूचित किया था कि घर-घर टीकाकरण संभव नहीं है और इसके लिए उसने संक्रमण की संभावना और टीका की बर्बादी सहित कई कारण गिनाए थे। मामले के अगली सुनवाई छह मई को होगी।