कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अपने सहयोगियों पर हमले के विरोध में जूनियर डॉक्टरों की आहूत हड़ताल का कोई समाधान होता नहीं प्रतीत हो रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काम पर लौट आने की अपील के बावजूद डाक्टरों ने हड़ताल के चौथे दिन शनिवार की रात को अपना आंदोलन जारी रखने का एलान कर दिया।
हड़ताली डॉक्टरों ने कहा कि सुश्री बनर्जी की ओर से अबतक कोई ईमानदार पहल नहीं की गयी है। हड़ताल कर रहे डॉक्टर लगातार पर्याप्त सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
सुश्री बनर्जी ने आज कहा कि उन्होंने राज्य में जूनियर डॉक्टरों के जारी आंदोलन को लेकर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से भी बात की।
सुश्री बनर्जी ने आंदोलनकारी डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे के संबंध में पूछे जाने पर कहा,“व्यक्तिगत इस्तीफा अलग है जबकि सामूहिक इस्तीफे का कानून में कोई कीमत नहीं है।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जायेंगी तो उन्होंने कहा,“मुझे कब वहां जाना है यह मीडिया नहीं तय करेगी। यह मेरा विशेषाधिकार है।”
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन से डॉक्टरों की गैरकानूनी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की गई है।
इससे पहले सुश्री बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार हड़ताली चिकित्सकों पर एस्मा नहीं लगाएगी और उनकी अधिकतम मांगें मान ली गई है इसलिए उन्हें काम पर लौट आना चाहिए। उन्होंने कहा,“मैं राज्य में हड़ताली चिकित्सकाें पर एस्मा नहीं लगाना चाहती हूँं और जूनियर डाक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह है क्योंकि उनकी अधिकतर मांगें मान ली गई हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा,“हमने उनकी सभी मांगें मान ली हैं और मैंने अपने मंत्रियों और प्रधान सचिव को डाक्टरों से मिलने के लिए भेजा था जिन्हाेंने कल और आज डाक्टरों से मिलने के लिए पांच घंटों तक इंतजार किया लेकिन वे नहीं आए। आपको संवैधानिक निकायों का सम्मान करना है।”
उन्होंने चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा,“ डाक्टरों पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण है और राज्य सरकार सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। निजी अस्पताल में जो जूनियर डाक्टर भर्ती है, उसके उपचार पर आने वाला सारा खर्च राज्य सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है।”