गिरिडीह: मासस के विधायक अरूप चटर्जी ,झार२वंड में भाजपा हराओ के तहत कांग्रेस, झामुमो, झाविमो ,राजद गठ्वंधन को सही मायनो में महागठवधंन नही मानते । भाकपा माले के कोडरमा प्रत्याशी राज कुमार यादव के दाखिल रेली में सिरकत करने आए मासस विधायक ने कहा कि दिल्ली में बैठकर महागठवंधन का फार्मूला तय करना व्यवहारिक नही है। क्यो कि जबतक जमिनी स्तर पर बात नही होती ,ऐसे में महागठवंघन का सार्थकता समझ से परे हैा उन्होने कहा कि महागठवंघन के शुरूवाती दौर में तय हुआ था कि 2014 के चुनाव में राज्य की सभी 14 सीटो पर रनर और विनर हुए थे । उन्हे मौका मिलेगा ,और कोडरमा में राजकुमार यादव रनर थे।इसी को लेकर हमलोगो ने धनवाद सीट पर भी दावा छोड़दिया था। लेकिन बाद में कैसे क्या फार्मुला बना हम नही जानते हैा लेकिन मासस विधायक ने जोर देकर कहा कि देखा जाय तो पिछले चार ,पॉच सालो के दरमियान मासस और भाजपा माले ने ही भाजपा की जनविरोथी नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक सबसे अधिक मुखर आंदोलन किया हैा श्री अरूप ने कहा कि मासस का मानना है कि कोडरमा में सीपीआईएमएल प्रत्याशी सबसे अधिक जनाधार वाले मजबूत प्रत्याशी है। एसे जुझारू नेता संसद में जायेगे तो गरीबों, शोशितो, अकलियतों, और आम लोगो की आवाज बनेगे ।